दर्द Hindi Shayari

  • हम जानते तो इश्क़ न करते किसी के साथ;
    ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ।
    ~ Mir Taqi Mir
  • यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है;<br />
यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है;<br />
कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान;<br />
फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है।Upload to Facebook
    यह ग़ज़लों की दुनिया भी अजीब है;
    यहाँ आँसुओं का भी जाम बनाया जाता है;
    कह भी देते हैं अगर दर्द-ए-दिल की दास्तान;
    फिर भी वाह-वाह ही पुकारा जाता है।
  • हम पर जो गुज़री है क्या तुम सुन पाओगे;
    नाज़ुक सा दिल रखते हो तुम रोने लग जाओगे;
    बहुत ग़म मिले हैं इस दुनिया की भीड़ में;
    कभी सुनो जो तुम इन्हें तुम भी मुस्कुराना भूल जाओगे।
  • ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर';
    सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है।
    ~ Ameer Minai
  • उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब सिलसिला था;<br />
अपना भी नहीं बनाया और किसी का होने भी नहीं दिया।Upload to Facebook
    उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब सिलसिला था;
    अपना भी नहीं बनाया और किसी का होने भी नहीं दिया।
  • दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं;
    जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैं।
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से;<br />
नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से;<br />
वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से;<br />
मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।Upload to Facebook
    अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से;
    नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से;
    वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से;
    मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से।
  • उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं;<br />
घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं;<br />
मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना;<br />
माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।Upload to Facebook
    उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं;
    घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं;
    मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना;
    माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
  • माँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशी;
    पाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर।
    ~ Qateel Shifai
  • तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये;
    सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये;
    तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये;
    तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।