वफ़ा करने से मुकर गया है दिल; अब प्यार करने से डर गया है दिल; अब किसी सहारे की बात मत करना; झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल। |
आता नहीं ख़याल अब अपना भी ऐ 'जलील' एक बेवफ़ा की याद ने सब कुछ भुला दिया। |
बेवफा तो वो खुद हैं, पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं; पहले नाम था मेरा उनके लबों पर, अब वो नाम किसी और का लेते हैं। |
एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम; किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम; ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में; और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम। |
एक बार रोये तो रोते चले गए; दामन अश्कों से भिगोते चले गए; जब जाम मिला बेवफाई का तो; खुद को पैमाने में डुबोते चले गए। |
ये संगदिलों की दुनिया है, ज़रा संभल कर चलना ऐ दोस्त; यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है नज़रों से गिराने के लिए। |
हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है; हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है; तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग; हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है। |
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना; कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे; तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर; कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे। |
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी; कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी; बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने; आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी। |
शायद हम ही बेवफा थे कि झटके से उनके दिल से निकल गए; उनकी वफा तो देखिये कि अब तक दिल में घर किए बैठे हैं। |