Hindi Shayari

  • मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का;
    उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले।
    ~ Mirza Ghalib
  • कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था;<br/>
नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे!Upload to Facebook
    कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था;
    नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे!
  • क्यों तुझे पाने के लिये मिन्नते करूँ;
    मुझे तुझसे मोहब्बत है कोइ मतलब तो नहीं!
  • कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया;<br/>
जब कोई कहता है कि तुम याद आ रहे हो!Upload to Facebook
    कितनी खूबसूरत हो जाती है उस वक्त दुनिया;
    जब कोई कहता है कि तुम याद आ रहे हो!
  • फिर वही दिल की गुज़ारिश,
    फिर वही उनका ग़ुरूर;
    फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर।
    ~ Mirza Ghalib
  • वो शख्स मिला तो महसूस हुआ मुझे;<br/>
मेरी ये उम्र मोहब्बत के लिए बहुत है कम!Upload to Facebook
    वो शख्स मिला तो महसूस हुआ मुझे;
    मेरी ये उम्र मोहब्बत के लिए बहुत है कम!
  • एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें;
    जख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें!
  • ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है;<br/>
खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है!Upload to Facebook
    ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है;
    खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है!
  • दोस्ती इंसान की ज़रुरत है;
    दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है;
    आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ;
    वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है।
  • ठुकराया हमने भी बहुतों को है तेरी खातिर;
    तुझसे फासला भी शायद उन की बददुआओं का असर है!