Hindi Shayari

  • मैं जिस्म ओ जान के खेल में बे-बाक हो गया;
    किस ने ये छू दिया है कि मैं चाक हो गया;
    किस ने कहा वजूद मेरा खाक हो गया;
    मेरा लहू तो आप की पोशाक हो गया!
  • कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले;<br/>
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिझक गई!    Upload to Facebook
    कभी हम मिले तो भी क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले;
    न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिझक गई!
  • इंतजार अक्सर वही अधूरे रह जाते हैं;
    जो बहुत शिद्दत से किए जाते हैं!
  • छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करनी;<br/>
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ में क्या माँगना!Upload to Facebook
    छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करनी;
    जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ में क्या माँगना!
  • नज़रिया बदल के देख, हर तरफ नज़राने मिलेंगे;
    ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे!
  • बंध जाये किसी से रूह का बंधन;
    तो इजहार ए मोहब्बत को अल्फ़ाज़ों की जरुरत नहीं होती!
  • पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है;<br/>
हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है;<br/>
ये तो बस वो ही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम;<br/>
जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो!Upload to Facebook
    पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है;
    हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है;
    ये तो बस वो ही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम;
    जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो!
  • जनाजे लौट के आते, तो उनको सबूत मिल जाते;<br/>
जांबाज लौट के आ गये, ये क्या बदकिस्मती हो गयी!Upload to Facebook
    जनाजे लौट के आते, तो उनको सबूत मिल जाते;
    जांबाज लौट के आ गये, ये क्या बदकिस्मती हो गयी!
  • इतना शौंक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का;
    क़सम से रास्ता जाने का है आने का नहीं!
  • एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना;<br/>
बस फिर क्या था तब से मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा!Upload to Facebook
    एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना;
    बस फिर क्या था तब से मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा!