ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो; अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो! |
तूने फूँकों से हटाए हैं पहाड़ों के पहाड़; मेरे तलवे पे लुढ़कता हुआ कंकर है ज़रा उसको हटा दे! |
शतरंज खेलते रहे वो हमसे कुछ इस कदर; कभी उनका इश्क़ मात देता तो कभी उनके लफ्ज़! |
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार; दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है! |
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले; महफ़िलें खुद की सजाते हैं और चचेॅ हमारे करते हैं! |
कल तुझसे बिछड़ने का फैसला कर लिया था; आज अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ! |
इस 'नहीं' का कोई इलाज नहीं; रोज़ कहते हैं आप आज नहीं! |
जब तोलने बैठते हो रिश्तों को; जरा बताना दूसरे पलड़े में क्या रखते हो! |
कोई तो है मेरे अंदर मुझको संभाले हुए; कि बेकरार होकर भी बरक़रार हूँ मैं! |
यूँ ही एक छोटी सी बात पे ताल्लुकात पुराने बिगड़ गये; मुद्दा ये था कि सही "क्या" है और वो सही "कौन" पर उलझ गये! |