इंतजार Hindi Shayari

  • ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता;</br>
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!Upload to Facebook
    ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता;
    अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता!
    ~ Mirza Ghalib
  • रात आ कर गुज़र भी जाती है;</br>
एक हमारी सहर नहीं होती!Upload to Facebook
    रात आ कर गुज़र भी जाती है;
    एक हमारी सहर नहीं होती!
    ~ Ibn-e-Insha
  • जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ;</br>
उसी के क़दमों की आहट का इंतज़ार भी है!Upload to Facebook
    जिसे न आने की क़स्में मैं दे के आया हूँ;
    उसी के क़दमों की आहट का इंतज़ार भी है!
  • मुद्दत से ख़्वाब में भी नहीं नींद का ख़याल;</br>
हैरत में हूँ ये किस का मुझे इंतज़ार है!Upload to Facebook
    मुद्दत से ख़्वाब में भी नहीं नींद का ख़याल;
    हैरत में हूँ ये किस का मुझे इंतज़ार है!
    ~ Shaikh Zahuruddin Hatim
  • अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;</br>
शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!</br></br>
* मुंतज़िर: Expectant, One who waitsUpload to Facebook
    अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;
    शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!

    * मुंतज़िर: Expectant, One who waits
    ~ Munir Niazi
  • सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन;</br>
होश उड़ जाते हैं अब भी तेरी आवाज़ के साथ!Upload to Facebook
    सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन;
    होश उड़ जाते हैं अब भी तेरी आवाज़ के साथ!
    ~ Aasi Uldani
  • मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे;</br>
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाए!Upload to Facebook
    मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे;
    कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाए!
    ~ Iftikhar Naseem
  • न कोई वादा न कोई यकीन न कोई उम्मीद;<br/>
मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था!Upload to Facebook
    न कोई वादा न कोई यकीन न कोई उम्मीद;
    मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के;<br/>
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के!Upload to Facebook
    एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के;
    अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के!
    ~ Farhat Ehsas
  • ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ;<br/>
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतज़ार में हूँ!Upload to Facebook
    ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ;
    तू आ के जा भी चुका है मैं इंतज़ार में हूँ!
    ~ Muneer Niyazi