इश्क Hindi Shayari

  • मिल जाएंगे तुमको और भी चाहने वाले दुनिया में;<br/>
मगर कर न पाएगा कोई मुकाबला मोहब्बत का मेरी!Upload to Facebook
    मिल जाएंगे तुमको और भी चाहने वाले दुनिया में;
    मगर कर न पाएगा कोई मुकाबला मोहब्बत का मेरी!
  • अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो;<br/>
सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो!Upload to Facebook
    अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो;
    सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो!
  • नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे हमेशा, पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे;<br/>
बदल जाये तो बदले ये ज़माना सारा, हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे!Upload to Facebook
    नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे हमेशा, पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे;
    बदल जाये तो बदले ये ज़माना सारा, हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे!
  • क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता;<br/>
चाहने वाले वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं, जहाँ कुछ लिखा नहीं होता!Upload to Facebook
    क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता;
    चाहने वाले वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं, जहाँ कुछ लिखा नहीं होता!
  • बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी;<br/>
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!Upload to Facebook
    बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी;
    फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!
  • तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको;<br/>
ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँ ही क़ैद रखना मुझे!Upload to Facebook
    तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको;
    ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँ ही क़ैद रखना मुझे!
  • मुद्दत के बाद आज उसे देख कर 'मुनीर';<br/>
इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया!Upload to Facebook
    मुद्दत के बाद आज उसे देख कर 'मुनीर';
    इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया!
    ~ Munir Niazi
  • इस कदर शुमार है दीदार-ए-तलब उनका;<br/>
सौ बार भी मिल जाये... अधूरा लगता है!Upload to Facebook
    इस कदर शुमार है दीदार-ए-तलब उनका;
    सौ बार भी मिल जाये... अधूरा लगता है!
  • घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे;<br/>
लहू-लहू था दिल मेरा मगर, होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा!Upload to Facebook
    घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे;
    लहू-लहू था दिल मेरा मगर, होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा!
  • उम्र का तकाज़ा है जो सर्दी-जुकाम रहता है;<br/>
वरना फरवरी महीने में तो मुझे इश्क़ हुआ करता था!Upload to Facebook
    उम्र का तकाज़ा है जो सर्दी-जुकाम रहता है;
    वरना फरवरी महीने में तो मुझे इश्क़ हुआ करता था!