मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं, दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है। |
बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी, मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से! |
क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की; यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए! |
नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से; तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके! |
जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`; फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है! |
मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं, दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है। |
अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया, तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा! |
तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको, मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है। |
धूप लगती थी गाँव में मगर चुभती नहीं थी; ऐ शहर तेरी छांव ने भी पसीने निकाल दिए! |
मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै, हमे क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के! |