गिला शिकवा Hindi Shayari

  • हर शख्स गुनाहगार है कुदरत के कत्ल में;<br/>
ये हवाएं जहरीली यूँ ही नहीं हुई!Upload to Facebook
    हर शख्स गुनाहगार है कुदरत के कत्ल में;
    ये हवाएं जहरीली यूँ ही नहीं हुई!
  • तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी;<br/>
तेरा मुड़-मुड़ कर देखना हमें बदनाम कर गया!
Upload to Facebook
    तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी;
    तेरा मुड़-मुड़ कर देखना हमें बदनाम कर गया!
  • बाग़ में ले के जन्म हम ने असीरी झेली;<br/>
हम से अच्छे रहे जंगल में जो आज़ाद रहे!
Upload to Facebook
    बाग़ में ले के जन्म हम ने असीरी झेली;
    हम से अच्छे रहे जंगल में जो आज़ाद रहे!
    ~ Brij Narayan Chakbast
  • ख़ुदी वो बहर है जिस का कोई किनारा नहीं;<br/>
तू आबजू इसे समझा अगर तो चारा नहीं! Upload to Facebook
    ख़ुदी वो बहर है जिस का कोई किनारा नहीं;
    तू आबजू इसे समझा अगर तो चारा नहीं!
    ~ Allama Iqbal
  • मेरी फितरत को क्या समझेंगे ये ख्वाब-ए-गर्दाँ वाले;<br/>
सवेरे के सितारे की चमक है राज़दाँ मेरी!Upload to Facebook
    मेरी फितरत को क्या समझेंगे ये ख्वाब-ए-गर्दाँ वाले;
    सवेरे के सितारे की चमक है राज़दाँ मेरी!
    ~ Shamsi Meenai
  • अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;<br/>
लेकिन कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!<br/><br/>
पासबान-ए-अक़्ल: बुद्धी का निरीक्षक, Guardian of the mind, Intution Upload to Facebook
    अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;
    लेकिन कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!

    पासबान-ए-अक़्ल: बुद्धी का निरीक्षक, Guardian of the mind, Intution
    ~ Allama Iqbal
  • दर पे रहने को कहा और कह के कैसा फिर गया;<br/>
जितने अर्से में मेरा लिपटा हुआ बिस्तर खुला!Upload to Facebook
    दर पे रहने को कहा और कह के कैसा फिर गया;
    जितने अर्से में मेरा लिपटा हुआ बिस्तर खुला!
    ~ Mirza Ghalib
  • हम अपने दिल के मुकामात से हैं बेगाने;<br/>
इसी में वरना हरम है, इसी में बुतखाने!<br/><br/>

मुकामात = स्थान, घर;<br/>
बेगाना = अपरिचित, अनजान;<br/>
हरम  = काबा, खुदा का घर;<br/>  
बुतखाना - मंदिर, मूर्तिगृहUpload to Facebook
    हम अपने दिल के मुकामात से हैं बेगाने;
    इसी में वरना हरम है, इसी में बुतखाने!

    मुकामात = स्थान, घर;
    बेगाना = अपरिचित, अनजान;
    हरम = काबा, खुदा का घर;
    बुतखाना - मंदिर, मूर्तिगृह
    ~ Shad Azeembadi
  • दिल को बर्बाद किये जाती है गम बदस्तूर किये जाती है;<br/>
मर चुकीं सारी उम्मीदें, आरजू है कि जिये जाती है!<br/><br/>

बदस्तूर  =   पहले की तरह, यथावत, यथापूर्वUpload to Facebook
    दिल को बर्बाद किये जाती है गम बदस्तूर किये जाती है;
    मर चुकीं सारी उम्मीदें, आरजू है कि जिये जाती है!

    बदस्तूर = पहले की तरह, यथावत, यथापूर्व
    ~ Asar Lakhnavi
  • क्या बताऊँ किस क़दर ज़ंजीर-ए-पा साबित हुए;<br/>
चंद तिनके जिन को अपना आशियाँ समझा था मैं!<br/><br/>
ज़ंजीर-ए-पा = पैरों की ज़ंज़ीरUpload to Facebook
    क्या बताऊँ किस क़दर ज़ंजीर-ए-पा साबित हुए;
    चंद तिनके जिन को अपना आशियाँ समझा था मैं!

    ज़ंजीर-ए-पा = पैरों की ज़ंज़ीर
    ~ Jigar Moradabadi