गिला शिकवा Hindi Shayari

  • लुत्फ-ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार;<br/>
दिल क्या उजड़ गया कि जमाना उजड़ गया!<br/><br/>
लुत्फ: आनन्द, मजाUpload to Facebook
    लुत्फ-ए-बहार कुछ नहीं गो है वही बहार;
    दिल क्या उजड़ गया कि जमाना उजड़ गया!

    लुत्फ: आनन्द, मजा
    ~ Arzoo Lakhnavi
  • रहें न रिंद ये वाइज़ के बस की बात नहीं;<br/>
तमाम शहर है दो-चार-दस की बात नहीं।Upload to Facebook
    रहें न रिंद ये वाइज़ के बस की बात नहीं;
    तमाम शहर है दो-चार-दस की बात नहीं।
    ~ Kaifi Azami
  • एक उम्र वो थी कि जादू में भी यक़ीन था;<br/>
एक उम्र ये है कि हक़ीक़त पर भी शक़ है।
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    एक उम्र वो थी कि जादू में भी यक़ीन था;
    एक उम्र ये है कि हक़ीक़त पर भी शक़ है।
  • रूठूँगा अगर तुझसे तो इस कदर रूठूँगा कि,<br/>
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी।Upload to Facebook
    रूठूँगा अगर तुझसे तो इस कदर रूठूँगा कि,
    ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी।
  • गिर कर उठने तक तो हाथ पकड़े रखा उसने मेरा,<br/>
जरा सँभल कर चलना सीखा तो फिर से खो गए भीड़ में!Upload to Facebook
    गिर कर उठने तक तो हाथ पकड़े रखा उसने मेरा,
    जरा सँभल कर चलना सीखा तो फिर से खो गए भीड़ में!
  • मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने;<br/>
किसी की बेवफाई ने, किसी के झूठे वादों ने।Upload to Facebook
    मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने;
    किसी की बेवफाई ने, किसी के झूठे वादों ने।
  • कहाँ दूर हट के जायें, हम दिल की सरजमीं से,<br/>
दोनों जहान की सैरें, हासिल हैं सब यहीं से!<br/><br/>


सरजमीं  =  पृथ्वी, जमीन, देश, मुल्कUpload to Facebook
    कहाँ दूर हट के जायें, हम दिल की सरजमीं से,
    दोनों जहान की सैरें, हासिल हैं सब यहीं से!

    सरजमीं = पृथ्वी, जमीन, देश, मुल्क
    ~ Jigar Moradabadi
  • देखकर पलकें मेरी कहने लगा कोई फक़ीर,<br/>
इन पे बरख़ुरदार सपनों का वज़न कुछ कम करो!Upload to Facebook
    देखकर पलकें मेरी कहने लगा कोई फक़ीर,
    इन पे बरख़ुरदार सपनों का वज़न कुछ कम करो!
  • रेत की दीवार हूँ गिरने से बचा ले मुझको;<br/>
यूँ न कर तेज़ हवाओं के हवाले मुझको;<br/>
आ मेरे पास ज़रा देख मोहब्बत से मुझे;<br/>
मैं बुरा हूँ तो भलाई से निभा ले मुझको!Upload to Facebook
    रेत की दीवार हूँ गिरने से बचा ले मुझको;
    यूँ न कर तेज़ हवाओं के हवाले मुझको;
    आ मेरे पास ज़रा देख मोहब्बत से मुझे;
    मैं बुरा हूँ तो भलाई से निभा ले मुझको!
  • अर्ज़-ए-अहवाल को गिला समझे;<br/>
क्या कहा मैंने आप क्या समझे|Upload to Facebook
    अर्ज़-ए-अहवाल को गिला समझे;
    क्या कहा मैंने आप क्या समझे|
    ~ Daagh Dehlvi