जुदाई Hindi Shayari

  • ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है;<br/>
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!xUpload to Facebook
    ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है;
    ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!x
    ~ Iftikhar Arif
  • हो जाएगी जब तुम से शनासाई ज़रा और;<br/>
बढ़ जाएगी शायद मेरी तन्हाई ज़रा और!Upload to Facebook
    हो जाएगी जब तुम से शनासाई ज़रा और;
    बढ़ जाएगी शायद मेरी तन्हाई ज़रा और!
    ~ Aanis Moin
  • ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर;<br/>
कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से!Upload to Facebook
    ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर;
    कि हम ने ख़ुद को भी पाया नहीं बहुत दिन से!
    ~ Azhar Iqbal
  • रौशनी को तीरगी का क़हर बन कर ले गया;<br/>
आँख में महफ़ूज़ थे जितने भी मंज़र ले गया!
* तीरगी- अँधेराUpload to Facebook
    रौशनी को तीरगी का क़हर बन कर ले गया;
    आँख में महफ़ूज़ थे जितने भी मंज़र ले गया! * तीरगी- अँधेरा
    ~ Ejaz Asif
  • अभी हिज्र दामन में उतरा नहीं है; <br/>
मगर वस्ल का भी तो चर्चा नहीं है!<br/>
*हिज्र- जुदाई<br/><br/>Upload to Facebook
    अभी हिज्र दामन में उतरा नहीं है;
    मगर वस्ल का भी तो चर्चा नहीं है!
    *हिज्र- जुदाई

    ~ Chitra Bhardwaj Suman
  • तन्हाई की आग़ोश में था सुबह से पहले;<br/>
मिलती रही उल्फ़त की सज़ा सुबह से पहले!Upload to Facebook
    तन्हाई की आग़ोश में था सुबह से पहले;
    मिलती रही उल्फ़त की सज़ा सुबह से पहले!
    ~ Aamir Souqi
  • अपनी तन्हाई को आबाद तो कर सकते हैं;<br/>
हम तुझे मिल न सकें याद तो कर सकते हैं!Upload to Facebook
    अपनी तन्हाई को आबाद तो कर सकते हैं;
    हम तुझे मिल न सकें याद तो कर सकते हैं!
    ~ Tahir Abbas
  • तुम ख़फ़ा हो के हम को छोड़ चले;<br/>
अब अजल से है सामना अपना!Upload to Facebook
    तुम ख़फ़ा हो के हम को छोड़ चले;
    अब अजल से है सामना अपना!
    ~ Mah Lakhnavi
  • धूप बढ़ते ही जुदा हो जाएगा;<br/>
साया-ए-दीवार भी दीवार से!Upload to Facebook
    धूप बढ़ते ही जुदा हो जाएगा;
    साया-ए-दीवार भी दीवार से!
    ~ Bahram Tariq
  • तुझ से बिछड़ के दर्द तेरा हम-सफ़र रहा;<br/>
मैं राह-ए-आरज़ू में अकेला कभी न था!Upload to Facebook
    तुझ से बिछड़ के दर्द तेरा हम-सफ़र रहा;
    मैं राह-ए-आरज़ू में अकेला कभी न था!
    ~ Qaisar Qalandar