बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • वफ़ा करने से मुकर गया है दिल;
    अब प्यार करने से डर गया है दिल;
    अब किसी सहारे की बात मत करना;
    झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।
  • आता नहीं ख़याल अब अपना भी ऐ 'जलील'
    एक बेवफ़ा की याद ने सब कुछ भुला दिया।
    ~ Jaleel Manikpuri
  • बेवफा तो वो खुद हैं, पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं;<br/>
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर, अब वो नाम किसी और का लेते हैं।Upload to Facebook
    बेवफा तो वो खुद हैं, पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं;
    पहले नाम था मेरा उनके लबों पर, अब वो नाम किसी और का लेते हैं।
  • एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम;<br/>
किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम;<br/>
ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में;<br/>
और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम।Upload to Facebook
    एक ख़ुशी की चाह में हर ख़ुशी से दूर हुए हम;
    किसी से कुछ कह भी ना सके इतने मज़बूर हुए हम;
    ना आई उन्हें निभानी वफ़ा इस दौर-ए-इश्क़ में;
    और ज़माने की नज़र में बेवफ़ा के नाम से मशहूर हुए हम।
  • एक बार रोये तो रोते चले गए;
    दामन अश्कों से भिगोते चले गए;
    जब जाम मिला बेवफाई का तो;
    खुद को पैमाने में डुबोते चले गए।
  • ये संगदिलों की दुनिया है, ज़रा संभल कर चलना ऐ दोस्त;
    यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है नज़रों से गिराने के लिए।
  • हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;<br/>
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;<br/>
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;<br/>
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।Upload to Facebook
    हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;
    हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;
    तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;
    हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
  • तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;<br/>
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;<br/>
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;<br/>
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।Upload to Facebook
    तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;
    कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
    तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;
    कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
  • कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;<br/>
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;<br/>
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;<br/>
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।Upload to Facebook
    कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
    कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
    बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
    आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
  • शायद हम ही बेवफा थे कि झटके से उनके दिल से निकल गए;<br/>
उनकी वफा तो देखिये कि अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।Upload to Facebook
    शायद हम ही बेवफा थे कि झटके से उनके दिल से निकल गए;
    उनकी वफा तो देखिये कि अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।