दर्द Hindi Shayari

  • मत पुछो कि मेरा कारोबार क्या है,<br/>
मुस्कुराहट की छोटीसी दुकान है, नफरत के बाजार मे!Upload to Facebook
    मत पुछो कि मेरा कारोबार क्या है,
    मुस्कुराहट की छोटीसी दुकान है, नफरत के बाजार मे!
  • जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,<br/>
उसने सदियों की जुदाई दी है।
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    जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
    उसने सदियों की जुदाई दी है।
  • दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ;<br/>
बाज़ार से ग़ुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ!Upload to Facebook
    दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ;
    बाज़ार से ग़ुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ!
    ~ Akbar Allahabadi
  • तुझ पे उठ्ठी हैं वो खोई हुयी साहिर आँखें;<br/>
तुझ को मालूम है क्यों उम्र गवाँ दी हमने!Upload to Facebook
    तुझ पे उठ्ठी हैं वो खोई हुयी साहिर आँखें;
    तुझ को मालूम है क्यों उम्र गवाँ दी हमने!
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • जिस दिल को सौंपा था मोड़ भी आया उसे;<br/>
वो चाहता था छोड़ना मैं छोड़ भी आया उसे;<br/>
अब के ताल्लुक ना रखेगा वो कोई मुझसे;<br/>
मैं दोनों हाथों को अब जोड़ भी आया उसे!Upload to Facebook
    जिस दिल को सौंपा था मोड़ भी आया उसे;
    वो चाहता था छोड़ना मैं छोड़ भी आया उसे;
    अब के ताल्लुक ना रखेगा वो कोई मुझसे;
    मैं दोनों हाथों को अब जोड़ भी आया उसे!
  • हिज्र के साहिल पे था जो इश्क का आशियाना;<br/>
ग़म की बरसात में नदीम इक रोज़ ढह गया!Upload to Facebook
    हिज्र के साहिल पे था जो इश्क का आशियाना;
    ग़म की बरसात में नदीम इक रोज़ ढह गया!
  • थक गया मेरा पुर्जा-पुर्जा तकलीफों से निकलने में;<br/>
हार मानने का दिल नहीं करता और जीत नजर नहीं आती!Upload to Facebook
    थक गया मेरा पुर्जा-पुर्जा तकलीफों से निकलने में;
    हार मानने का दिल नहीं करता और जीत नजर नहीं आती!
  • माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी;<br/>
मुझे जिंदा भूलकर तुमने तो कहावत ही बदल दी!Upload to Facebook
    माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी;
    मुझे जिंदा भूलकर तुमने तो कहावत ही बदल दी!
  • तेरी बाँहों में हमें उम्र कैद की सज़ा चाहिए;<br/>
और ये सज़ा हमें बेवजह चाहिए!Upload to Facebook
    तेरी बाँहों में हमें उम्र कैद की सज़ा चाहिए;
    और ये सज़ा हमें बेवजह चाहिए!
  • साँसों की माला में पिरो कर रखे हैं तेरी चाहतो के मोती,<br/>
अब तो तमन्ना यही है कि बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में!Upload to Facebook
    साँसों की माला में पिरो कर रखे हैं तेरी चाहतो के मोती,
    अब तो तमन्ना यही है कि बिखरूं तो सिर्फ तेरे आगोश में!