ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • क्यों डरे कि ज़िन्दग़ी में क्या होगा, हर वक़्त क्यों सोचे कि बुरा होगा;<br/>
बढ़ते रहे बस मंज़िलो की ओर, हमे कुछ मिले या ना मिले, तज़ुर्बा तो नया होगा!Upload to Facebook
    क्यों डरे कि ज़िन्दग़ी में क्या होगा, हर वक़्त क्यों सोचे कि बुरा होगा;
    बढ़ते रहे बस मंज़िलो की ओर, हमे कुछ मिले या ना मिले, तज़ुर्बा तो नया होगा!
    ~ Javed Akhtar
  • आते हैं आने दो ये तूफ़ान क्या ले जाएंगे;<br/>
मैं तो जब डरता कि मेरा हौसला ले जाएंगे!Upload to Facebook
    आते हैं आने दो ये तूफ़ान क्या ले जाएंगे;
    मैं तो जब डरता कि मेरा हौसला ले जाएंगे!
    ~ Wasim Barelvi
  • होता है फख्र देख के अक्सर ही आईना;<br/>
मैंने कभी ज़मीर का सौदा नहीं किया!Upload to Facebook
    होता है फख्र देख के अक्सर ही आईना;
    मैंने कभी ज़मीर का सौदा नहीं किया!
  • माँगी थी एक बार दुआ हम ने मौत की;<br/>
शर्मिंदा आज तक हैं मियाँ ज़िंदगी से हम!Upload to Facebook
    माँगी थी एक बार दुआ हम ने मौत की;
    शर्मिंदा आज तक हैं मियाँ ज़िंदगी से हम!
  • बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं;<br/>
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं!Upload to Facebook
    बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं;
    तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • तू अपनी रफ्तार पे इतना ना इतरा,ऐ जिंदगी;<br/>
अगर मैंने रोक ली साँस तो, तू भी चल नही पायेगी!Upload to Facebook
    तू अपनी रफ्तार पे इतना ना इतरा,ऐ जिंदगी;
    अगर मैंने रोक ली साँस तो, तू भी चल नही पायेगी!
  • राह-ए-ज़िन्दगी में यह कहानी सभी की है;<br/>
हमराज़ कोई और है, हमसफ़र कोई और है!Upload to Facebook
    राह-ए-ज़िन्दगी में यह कहानी सभी की है;
    हमराज़ कोई और है, हमसफ़र कोई और है!
  • ज़िंदगी जब्र है और जब्र के आसार नहीं;<br/>
हाए इस क़ैद को ज़ंजीर भी दरकार नहीं!Upload to Facebook
    ज़िंदगी जब्र है और जब्र के आसार नहीं;
    हाए इस क़ैद को ज़ंजीर भी दरकार नहीं!
  • आइने में मेरे अक्सर जो अक्स नज़र आता है,<br/>
ख़ुद से लड़ता हुआ एक शख़्स नज़र आता है,<br/>
क्या पता किस बात से ख़ुद से इतना ख़फ़ा है,<br/>
हर वक़्त बड़ा उदास सा नज़र आता है!Upload to Facebook
    आइने में मेरे अक्सर जो अक्स नज़र आता है,
    ख़ुद से लड़ता हुआ एक शख़्स नज़र आता है,
    क्या पता किस बात से ख़ुद से इतना ख़फ़ा है,
    हर वक़्त बड़ा उदास सा नज़र आता है!
  • ना फिसलो इस उम्मीद में कि कोई तुम्हें उठा लेगा,<br/>
सोच कर मत डूबो दरिया में कि तुम्हें कोई बचा लेगा;<br/>
ये दुनिया तो एक अड्डा है तमाशबीनों का,<br/>
अगर देखा तुम्हें मुसीबत में तो हर कोई यहाँ मज़ा लेगा!Upload to Facebook
    ना फिसलो इस उम्मीद में कि कोई तुम्हें उठा लेगा,
    सोच कर मत डूबो दरिया में कि तुम्हें कोई बचा लेगा;
    ये दुनिया तो एक अड्डा है तमाशबीनों का,
    अगर देखा तुम्हें मुसीबत में तो हर कोई यहाँ मज़ा लेगा!