जुदाई Hindi Shayari

  • प्यार का बदला कभी चुका न सकेंगे,<br/>
चाह कर भी आपको भुला न सकेंगे;<br/>
तुम ही हो मेरे लबों की हंसी,<br/>
तुम से बिछड़े तो फिर मुस्कुरा न सकेंगे!Upload to Facebook
    प्यार का बदला कभी चुका न सकेंगे,
    चाह कर भी आपको भुला न सकेंगे;
    तुम ही हो मेरे लबों की हंसी,
    तुम से बिछड़े तो फिर मुस्कुरा न सकेंगे!
  • अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो;<br/>
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो!Upload to Facebook
    अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो;
    तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो!
    ~ Munawwar Rana
  • उसके जाने के बाद हम तन्हा हो गए;<br/>
उसकी मोहब्बत में हम फना हो गए!Upload to Facebook
    उसके जाने के बाद हम तन्हा हो गए;
    उसकी मोहब्बत में हम फना हो गए!
  • उसने मुड़कर नहीं देखा आजतक;<br/>
हमने इंतजार किया आखिरी सांस तक!Upload to Facebook
    उसने मुड़कर नहीं देखा आजतक;
    हमने इंतजार किया आखिरी सांस तक!
  • दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब;<br/>
तेरा ख़याल आ कर न जाये तो क्या करें!Upload to Facebook
    दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब;
    तेरा ख़याल आ कर न जाये तो क्या करें!
  • बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,<br/>
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,<br/>
मिलने की खुशी दें या न दें,<br/>
मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं!Upload to Facebook
    बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,
    अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
    मिलने की खुशी दें या न दें,
    मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं!
  • जिसकी आँखों में काटी थी सदियाँ;<br/>
उसने सदियों की जुदाई दी है!Upload to Facebook
    जिसकी आँखों में काटी थी सदियाँ;
    उसने सदियों की जुदाई दी है!
  • जाते-जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे;<br/>
जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है!Upload to Facebook
    जाते-जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे;
    जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है!
  • दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली;<br/>
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है!Upload to Facebook
    दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली;
    तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है!
  • आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं;<br/>
बाद बरसों के उन्हें देखा तो दुआएँ माँग बैठा!Upload to Facebook
    आज भी कितना नादान है दिल समझता ही नहीं;
    बाद बरसों के उन्हें देखा तो दुआएँ माँग बैठा!