मत ढूंढ़ा कर मेरी आँखों में इश्क का हिसाब; तुम्हें चाहने का मैंने कभी हिसाब नहीं किया! |
कोई अच्छा वकील हो नजर में तो बताना मुझे; अपने दिल का कब्ज़ा वापिस लेना है किसी से! |
क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो; किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है! |
मेरे जीने का सबब तेरे मुस्कुराने में है; इश्क़ का जज्बा तो, बस तेरे लिये मिट जाने में है! |
हमें मनाने का गज़ब तरीका है उनके पास; वो प्यार से एक नज़र देखते हैं और हम दिल हार जाते हैं! |
भरी मेहफिल में इश्क़ का ज़िक्र हुआ, हमने तो सिर्फ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे! |
कई ज़रिये हैं कुछ कहने के, उनमें से एक जरिया है कुछ ना कहना! |
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है; हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है! |
दिल के रिश्ते हैं बस किस्मत से बनते हैं; वरना मुलाक़ात तो हज़ारों से होती हैं! |
इंतजार, इज़हार, इबादत सब तो किया मैंने; कैसे बताऊं कि तुमसे इश्क़ कितना किया मैंने! |