उनको सोते हुए देखा था दमे-सुबह कभी; क्या बताऊं जो इन आंखों ने समां देखा था। |
सितारों से आगे जहां और भी हैं; अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं। |
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें; जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें; शाखों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम; आँधियों से कोई कह दे कि औकात में रहें। |
हर धड़कते पत्थर को, लोग दिल समझते हैं; उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में। |
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए; काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए; दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया; फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए। |
अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा; जब ख़ुदा का सामना होगा तो देखा जाएगा। |
जफा जो इश्क में होती है वह जफा ही नहीं; सितम न हो तो मोहब्बत में कुछ मजा ही नहीं। Meaning: जफा - जुल्म |
न मेरा नाम था, न दाम था बाजार-ए-मोहब्बत में; तुमने भाव पूछकर अनमोल कर दिया। |
मोहब्बत खुद बताती है, कहाँ किसका ठिकाना है; किसे आँखों में रखना है, किसे दिल में बसाना है। |
उनके देखने से जो आ जाती है चेहरे पर रौनक; वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है। |