इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं; चंद लम्हों में फ़ैसला न करो। |
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं; दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं; नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर; फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं। |
ना छोड़ना मेरा साथ ज़िन्दगी में कभी; शायद मैं ज़िंदा हूँ तेरे साथ की वजह से। |
उसे मैं ढाँप लेना चाहता हूँ अपनी पलकों में; इलाही उस के आने तक मेरी आँखों में दम रखना। |
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते; होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते; कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको; कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते। |
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में; बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में; कभी यह दिल तोड़ कर मत जाना; हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में। |
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीम-कश को; ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता। |
तेरी चुप्पी अगर तेरी कोई मज़बूरी है; तो रहने दे इश्क़ कौन सा ज़रूरी है। |
क़दमों की दूरी से दिलों के फांसले नहीं बढ़ते; दूर होने से एहसास नहीं मरते; कुछ क़दमों का फांसला ही सही हमारे बीच; लेकिन ऐसा कोई पल नहीं जब हमको याद नहीं करते। |
उनके ख्याल से ही जब इतनी सुहानी लगती है ये दुनिया; सोचो अगर वो साथ होंगे तब क्या बात होगी। |