ये जो तुम ने खुद को बदला है; ये बदला है, या बदला है। |
खींचो न कमानों को न तलवार निकालो; जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो। |
हर नजर में मुमकिन नहीं है बेगुनाह रहना; वादा ये करें कि खुद की नजर में बेदाग रहें। |
तेग़-बाज़ी का शौक़ अपनी जगह; आप तो क़त्ल-ए-आम कर रहे हैं! Meaning: तेग़-बाज़ी = तलवार बाज़ी, तलवार चलाना |
रक़ीबों के लिए अच्छा ठिकाना हो गया पैदा; ख़ुदा आबाद रखे मैं तो कहता हूँ जहन्नम को। Meaning: रक़ीब = दुश्मन, शत्रु |
अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं; पता चला हैं कि मेहमान आने वाले हैं। |
हैं और भी दुनिया में सुखन-वर बहुत अच्छे, कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और। |
कोई तो परचम ले कर निकले अपने गरेबान का "जालिब"; चारो जानिब सन्नाटा है, दीवाने याद आते है। |
कहाँ वह खल्वतें दिन-रात की और अब यह आलम है; कि जब मिलते हैं दिल कहता है, कोई तीसरा होता। Meaning: 1. खल्वतें - एकान्त, जहाँ दूसरा न हो, तन्हाई 2.आलम - हालत, दशा, स्थिति |
एक मैं हूँ, किया ना कभी सवाल कोई; एक तुम हो, जिसका कोई जवाब नहीं! |