इश्क Hindi Shayari

  • धनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगा;<br/>
वो लम्स मेरे बदन को गुलाब कर देगा!<br/><br/>

धनक: इन्द्रधनुष<br/>
लम्स: स्पर्शUpload to Facebook
    धनक धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगा;
    वो लम्स मेरे बदन को गुलाब कर देगा!

    धनक: इन्द्रधनुष
    लम्स: स्पर्श
    ~ Parveen Shakir
  • मोहबबत में नहीं है फ़र्क जी ने और मरने का;<br/>
उसी को देख कर जीते हैं जिस क़ाफ़िर पे दम निकले!Upload to Facebook
    मोहबबत में नहीं है फ़र्क जी ने और मरने का;
    उसी को देख कर जीते हैं जिस क़ाफ़िर पे दम निकले!
    ~ Mirza Ghalib
  • अब तो मुझे अपनी आँखों से भी जलन होती है `ऐ ज़ालिम`;<br/>
खुली हो तो तलाश तेरी और बन्द हो तो ख्वाब तेरे!Upload to Facebook
    अब तो मुझे अपनी आँखों से भी जलन होती है "ऐ ज़ालिम";
    खुली हो तो तलाश तेरी और बन्द हो तो ख्वाब तेरे!
  • मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैं;<br/>
ये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता!Upload to Facebook
    मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैं;
    ये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता!
    ~ Makhmoor Dehlvi
  • आखिरी हिचकी तिरे ज़ानू पे आये;<br/>
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ!Upload to Facebook
    आखिरी हिचकी तिरे ज़ानू पे आये;
    मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ!
    ~ Qateel Shifai
  • इश्क पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब';<br/>
जो लगाये न लगे और बुझाये न बने!
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    इश्क पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब';
    जो लगाये न लगे और बुझाये न बने!
    ~ Mirza Ghalib
  • इन होठों को परदे में छुपा लिया कीजिये;<br/>
हम गुस्ताख़ लोग हैं, आँखों से चूम लिया करते हैं!Upload to Facebook
    इन होठों को परदे में छुपा लिया कीजिये;
    हम गुस्ताख़ लोग हैं, आँखों से चूम लिया करते हैं!
  • न ग़रज़ किसी से, न वास्ता, मुझे काम अपने ही काम से;<br/>
तिरे ज़िक्र से, तिरी फ़िक्र से, तिरी याद से तिरे नाम!Upload to Facebook
    न ग़रज़ किसी से, न वास्ता, मुझे काम अपने ही काम से;
    तिरे ज़िक्र से, तिरी फ़िक्र से, तिरी याद से तिरे नाम!
  • कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है,<br/>
हमने देख ली दुनिया, बहुत ही खूबसूरत है;<br/>
जमाना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर है ये,<br/>
तुझे मेरी जरूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है!Upload to Facebook
    कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है,
    हमने देख ली दुनिया, बहुत ही खूबसूरत है;
    जमाना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर है ये,
    तुझे मेरी जरूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है!
    ~ Dr. Kumar Vishwas
  • किसी के पास होने का जब हर वक़्त एहसास होता है;<br/>
यक़ीं मानों कि यहीं मोहब्बत का आगाज होता है!Upload to Facebook
    किसी के पास होने का जब हर वक़्त एहसास होता है;
    यक़ीं मानों कि यहीं मोहब्बत का आगाज होता है!