हम उनके दिल पर राज़ करते थे, मेरा दिल जिनका गुलाम आज भी है। |
याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ, भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है। |
जिस को जाना ही नहीं उस को ख़ुदा कैसे कहें; और जिसे जान लिया हो वो ख़ुदा कैसे हो। |
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी। |
बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाह, जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है। |
कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे, जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे। |
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया, देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया। |
ये तो नहीं कि तुम सा जहान में हसीन नहीं, इस दिल का क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं। |
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो, झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो, जिंदगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो, मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो। |
सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको, सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते। |