इश्क Hindi Shayari

  • तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है;<br />
तुझे  देखूं तो दिल धड़के, ना देखूं तो बेचैन रहूँ।Upload to Facebook
    तेरा अंदाज़-ए-सँवरना भी क्या कमाल है;
    तुझे देखूं तो दिल धड़के, ना देखूं तो बेचैन रहूँ।
  • क्या मज़ा देती है बिजली की चमक मुझ को रियाज़;
    मुझ से लिपटे हैं मिरे नाम से डरने वाले।
    ~ Riyaz Khairabadi
  • वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं;
    जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते।
  • अपनी ज़िन्दगी में मुझ को करीब समझना;
    कोई ग़म आये तो उस ग़म में भी शरीक समझना;
    दे देंगे मुस्कुराहट आँसुओं के बदले;
    मगर हज़ारों में मुझे थोड़ा अज़ीज़ समझना।
  • वो कभी मिल जाएं तो क्या कीजिये;
    रात दिन सूरत को देखा कीजिये;
    चाँदनी रातों में एक एक फूल को;
    बेखुदी कहती है सज़दा कीजिये।
    ~ Akhtar Sheerani
  • कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको;<br />
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है;<br />
कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा;<br />
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।Upload to Facebook
    कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको;
    बिन मतलब जो आए तो क्या बात है;
    कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा;
    कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।
  • अपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल है;<br />
प्यार की खातिर तो काँटे भी कबूल हैं;<br />
हँस के चल दूँ काँच के टुकड़ों पर;<br />
अगर तू कह दे ये मेरे बिछाये हुए फूल हैं।Upload to Facebook
    अपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल है;
    प्यार की खातिर तो काँटे भी कबूल हैं;
    हँस के चल दूँ काँच के टुकड़ों पर;
    अगर तू कह दे ये मेरे बिछाये हुए फूल हैं।
  • ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती;<br />
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता;<br />
वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी;<br />
सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता।Upload to Facebook
    ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती;
    भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता;
    वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी;
    सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता।
  • जब कोई ख्याल दिल से टकराता है;<br />
दिल ना चाह कर भी खामोश रह जाता है;<br />
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है;<br />
तो कोई कुछ ना कह कर प्यार निभाता है।Upload to Facebook
    जब कोई ख्याल दिल से टकराता है;
    दिल ना चाह कर भी खामोश रह जाता है;
    कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है;
    तो कोई कुछ ना कह कर प्यार निभाता है।
  • वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है;
    बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है;
    उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से;
    तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है।
    ~ Bashir Badr