ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको; हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं; बदले बदले से तो आप हैं जनाब; जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं। |
इस जहान में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग; रुख हवा का देखकर अक्सर बदल जाते हैं लोग। |
रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है; मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है; चाहत है उनको अपना बनाने की मगर; मगर उनके पास अपनों की कमी नहीं है। |
वो सो जाते हैं अकसर हमें याद किए बगैर; हमें नींद नहीं आती उनसे बात किए बगैर; कसूर उनका नहीं कसूर तो हमारा ही है; क्योंकि उन्हें चाहा भी तो उनकी इज़ाज़त लिए बगैर। |
तुम और किसी के हो तो हम और किसी के; और दोनों ही क़िस्मत की शिकायत नहीं करते। |
जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता; हर रोने वाला तो गमगीन नही होता; एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा; अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता। |
हसीनो ने हसीन बन कर गुनाह किया; औरों को तो ठीक पर हमें भी तबाह किया; अर्ज़ किया जब ग़ज़लों में उनकी बेवफाई का; औरों ने तो ठीक उन्होंने भी वाह-वाह किया। |
सो जा ऐ दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर में; अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं। |
अक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातें; प्यास बुझ जाये तो अल्फ़ाज़ और इंसान दोनों बदल जाया करते हैं। |
तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें; हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया। |