गिला शिकवा Hindi Shayari

  • ज़ख़्म देने की आदत नहीं हमको;
    हम तो आज भी वो एहसास रखते हैं;
    बदले बदले से तो आप हैं जनाब;
    जो हमारे अलावा सबको याद रखते हैं।
  • इस जहान में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग;<br/>
रुख हवा का देखकर अक्सर बदल जाते हैं लोग।Upload to Facebook
    इस जहान में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग;
    रुख हवा का देखकर अक्सर बदल जाते हैं लोग।
  • रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है;<br/>
मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है;<br/>
चाहत है उनको अपना बनाने की मगर;<br/>
मगर उनके पास अपनों की कमी नहीं है।Upload to Facebook
    रास्ते में पत्थरों की कमी नहीं है;
    मन में टूटे सपनो की कमी नहीं है;
    चाहत है उनको अपना बनाने की मगर;
    मगर उनके पास अपनों की कमी नहीं है।
  • वो सो जाते हैं अकसर हमें याद किए बगैर;<br/>
हमें नींद नहीं आती उनसे बात किए बगैर;<br/>
कसूर उनका नहीं कसूर तो हमारा ही है;<br/>
क्योंकि उन्हें चाहा भी तो उनकी इज़ाज़त लिए बगैर। Upload to Facebook
    वो सो जाते हैं अकसर हमें याद किए बगैर;
    हमें नींद नहीं आती उनसे बात किए बगैर;
    कसूर उनका नहीं कसूर तो हमारा ही है;
    क्योंकि उन्हें चाहा भी तो उनकी इज़ाज़त लिए बगैर।
  • तुम और किसी के हो तो हम और किसी के;<br/>
और दोनों ही क़िस्मत की शिकायत नहीं करते।Upload to Facebook
    तुम और किसी के हो तो हम और किसी के;
    और दोनों ही क़िस्मत की शिकायत नहीं करते।
    ~ Saqi Faruqi
  • जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता;<br/>
हर रोने वाला तो गमगीन नही होता;<br/>
एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा;<br/>
अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता।Upload to Facebook
    जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता;
    हर रोने वाला तो गमगीन नही होता;
    एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा;
    अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता।
  • हसीनो ने हसीन बन कर गुनाह किया;<br/>
औरों को तो ठीक पर हमें भी तबाह किया;<br/>
अर्ज़ किया जब ग़ज़लों में उनकी बेवफाई का;<br/>
औरों ने तो ठीक उन्होंने भी वाह-वाह किया।Upload to Facebook
    हसीनो ने हसीन बन कर गुनाह किया;
    औरों को तो ठीक पर हमें भी तबाह किया;
    अर्ज़ किया जब ग़ज़लों में उनकी बेवफाई का;
    औरों ने तो ठीक उन्होंने भी वाह-वाह किया।
  • सो जा ऐ दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर में;<br/>
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं। Upload to Facebook
    सो जा ऐ दिल कि आज धुन्ध बहुत है तेरे शहर में;
    अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।
  • अक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातें;
    प्यास बुझ जाये तो अल्फ़ाज़ और इंसान दोनों बदल जाया करते हैं।
  • तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें;
    हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया।
    ~ Bahadur Shah Zafar