अरमान Hindi Shayari

  • मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे;<br/>
मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे!Upload to Facebook
    मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे;
    मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे!
    ~ Iftikhar Arif
  • अरमान वस्ल का मेरी नज़रों से ताड़ के;<br/>
पहले से ही वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के!Upload to Facebook
    अरमान वस्ल का मेरी नज़रों से ताड़ के;
    पहले से ही वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर;<br/>
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते!Upload to Facebook
    अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर;
    इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते!
    ~ Obaidullah Aleem
  • मुन्तज़िर हूँ तेरी आवाज़ से तस्वीर तलक;<br/>
एक वक़्फ़ा ही तो दरकार था मिलने के लिए!Upload to Facebook
    मुन्तज़िर हूँ तेरी आवाज़ से तस्वीर तलक;
    एक वक़्फ़ा ही तो दरकार था मिलने के लिए!
    ~ Kamraan Nafees
  • ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;<br/>
तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!Upload to Facebook
    ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;
    तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!
    ~ Rafi Raza
  • करम नहीं तो सितम ही सही रवा रखना;<br/>
तअ'ल्लुक़ात वो जैसे भी हों सदा रखना!Upload to Facebook
    करम नहीं तो सितम ही सही रवा रखना;
    तअ'ल्लुक़ात वो जैसे भी हों सदा रखना!
    ~ Yaseen Qudrat
  • साज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटे;<br/>
प्यार की रस्म को चमकाओ कि कुछ रात कटे!Upload to Facebook
    साज़-ए-फ़ुर्क़त पे ग़ज़ल गाओ कि कुछ रात कटे;
    प्यार की रस्म को चमकाओ कि कुछ रात कटे!
    ~ Raees Akhtar
  • हिजाब उठे हैं लेकिन वो रू-ब-रू तो नहीं;<br/>
शरीक-ए-इश्क़ कहीं कोई आरज़ू तो नहीं!Upload to Facebook
    हिजाब उठे हैं लेकिन वो रू-ब-रू तो नहीं;
    शरीक-ए-इश्क़ कहीं कोई आरज़ू तो नहीं!
  • ये किस ने तुम से ग़लत कहा मुझे कारवाँ की तलाश है; <br/>
जहाँ मैं हूँ तुम हो कोई न हो मुझे इस जहाँ की तलाश है!Upload to Facebook
    ये किस ने तुम से ग़लत कहा मुझे कारवाँ की तलाश है;
    जहाँ मैं हूँ तुम हो कोई न हो मुझे इस जहाँ की तलाश है!
    ~ J. P. Saeed
  • दोस्ती की महक हवाओं में रखना;<br/>
सबके साथ हमें भी कहीं दुआओं में याद रखना!Upload to Facebook
    दोस्ती की महक हवाओं में रखना;
    सबके साथ हमें भी कहीं दुआओं में याद रखना!