गिला शिकवा Hindi Shayari

  • उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं;<br/>
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी!Upload to Facebook
    उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं;
    ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी!
  • बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी;<br/>
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!Upload to Facebook
    बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी;
    फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी!
  • ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए; <br/>
आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!Upload to Facebook
    ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए;
    आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!
    ~ Jameeluddin Aali
  • दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर;<br/>
इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं!Upload to Facebook
    दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्रभर;
    इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं!
  • एक अजीब सा मंजर नजर आता है,<br/>
हर एक आँसू समंदर नजर आता है;<br/>
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,<br/>
हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है!Upload to Facebook
    एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
    हर एक आँसू समंदर नजर आता है;
    कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
    हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है!
  • तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम; <br/>
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम! Upload to Facebook
    तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम;
    ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम!
    ~ Sahir Ludhianvi
  • तकलीफ ये नहीं कि किस्मत ने मुझे धोखा दिया;<br/>
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं!Upload to Facebook
    तकलीफ ये नहीं कि किस्मत ने मुझे धोखा दिया;
    मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं!
  • और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा; <br/>
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा! xUpload to Facebook
    और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा;
    राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा! x
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने; <br/>
इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने!Upload to Facebook
    जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने;
    इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने!
    ~ Shahryar
  • क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी,<br/>
अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए!Upload to Facebook
    क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी,
    अपनी ख़ुशी को छोड़ दिया उसे खुश देखने के लिए!