गिला शिकवा Hindi Shayari

  • इक जहाँ है जिसका मुश्ताक-ए-जमाल;<br/>
सख्त हैरत है, वह क्यों रूपोश है!Upload to Facebook
    इक जहाँ है जिसका मुश्ताक-ए-जमाल;
    सख्त हैरत है, वह क्यों रूपोश है!
    ~ Hasrat Mohani
  • सख्तियां करता हूँ दिल पर गैर से गाफिल हूँ मैं;<br/>
हाय क्या अच्छी कही जालिम हूँ, जाहिल हूँ मैं!<br/><br/>
Meaning:<br/>
गाफिल - अनजानUpload to Facebook
    सख्तियां करता हूँ दिल पर गैर से गाफिल हूँ मैं;
    हाय क्या अच्छी कही जालिम हूँ, जाहिल हूँ मैं!

    Meaning:
    गाफिल - अनजान
    ~ Allama Iqbal
  • मुझ पर इल्ज़ाम झूठा है दोस्तों;<br/>
मोहब्बत की नहीं... हो गयी थी!Upload to Facebook
    मुझ पर इल्ज़ाम झूठा है दोस्तों;
    मोहब्बत की नहीं... हो गयी थी!
  • मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ़ अंधेरे से है;<br/>
हवा तो बेवजह ही मेरे ख़िलाफ़ है।<br/>
हवा से कह दो कि खुद को आज़मा के दिखाए;<br/>
बहुत दीपक बुझाती है कभी जला के दिखाए।Upload to Facebook
    मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ़ अंधेरे से है;
    हवा तो बेवजह ही मेरे ख़िलाफ़ है।
    हवा से कह दो कि खुद को आज़मा के दिखाए;
    बहुत दीपक बुझाती है कभी जला के दिखाए।
  • अहमियत यहाँ हैसियत को मिलती है;<br/>
हम है कि, जज्बात लिए फिरते हैं।Upload to Facebook
    अहमियत यहाँ हैसियत को मिलती है;
    हम है कि, जज्बात लिए फिरते हैं।
  • जादू है या तिलिस्म है तुम्हारी जुबान में;<br/><br/>
तुम झूठ कह रहे थे, मुझे ऐतबार था।<br/><br/>

Meaning:<br/>
तिलिस्म - माया, इंद्रजाल, जादू, दृष्टिबंध, नजरबंदीUpload to Facebook
    जादू है या तिलिस्म है तुम्हारी जुबान में;

    तुम झूठ कह रहे थे, मुझे ऐतबार था।

    Meaning:
    तिलिस्म - माया, इंद्रजाल, जादू, दृष्टिबंध, नजरबंदी
    ~ Bekhud Dehlvi
  • प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं;<br/>
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं;<br/>
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी;<br/>
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।Upload to Facebook
    प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं;
    कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं;
    बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी;
    एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।
  • की वफ़ा हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैं;<br/>
होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं।Upload to Facebook
    की वफ़ा हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैं;
    होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं।
    ~ Mirza Ghalib
  • अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी;<br/>
तिरा रिन्द गिरते गिरते कहीं फिर संभल न जाए।Upload to Facebook
    अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी;
    तिरा रिन्द गिरते गिरते कहीं फिर संभल न जाए।
    ~ Sahir Ludhianvi
  • समझ में साफ़ आ जाए फ़साहत इस को कहते हैं;<br/>
असर हो सुनने वाले पर बलाग़त इस को कहते हैं।<br/><br/>
Meaning:<br/>
फ़साहत  =  शुद्ध या अच्छी भाषा<br/>
बलाग़त  =  भाषणUpload to Facebook
    समझ में साफ़ आ जाए फ़साहत इस को कहते हैं;
    असर हो सुनने वाले पर बलाग़त इस को कहते हैं।

    Meaning:
    फ़साहत = शुद्ध या अच्छी भाषा
    बलाग़त = भाषण
    ~ Akbar Allahabadi