सख्तियां करता हूं दिल पर गैर से गाफिल हूं मैं; हाय क्या अच्छी कही जालिम हूं, जाहिल हूं मैं। Meaning: गाफिल - अनजान |
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो। |
उम्मीदों का फटा पैरहन; रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है; तुम से मिलने की कोशिश में; किस-किस से मिलना पड़ता है! |
आज जिस्म में जान है तो देखते नही हैं लोग; जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटा हटा कर देखेंगे लोग! |
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम; वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता। |
मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा* चाहिए; कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है| Meaning: मर्तबा - इज्जत, पद |
लेके तन के नाप को, घूमे बस्ती गाँव; हर चादर के घेर से, बाहर निकले पाँव। |
अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं; तुमने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी। |
दिल की बस्ती अजीब बस्ती है; लूटने वाले को तरसती है। |
मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंजिल मगर; लोग आते गए और कारवां बनता गया। |