इज़हार Hindi Shayari

  • मेरी शायरी की तो जान है तू;<br/>
दिल में खुदा की पहचान है तू;<br/>
बिन देखे सूरत तेरी, रहूँ मैं उदास;<br/>
मेरे होंठों की सनम मुस्कान है तू।Upload to Facebook
    मेरी शायरी की तो जान है तू;
    दिल में खुदा की पहचान है तू;
    बिन देखे सूरत तेरी, रहूँ मैं उदास;
    मेरे होंठों की सनम मुस्कान है तू।
  • दिल ही दिल में हम तुमसे प्यार करते हैं;<br/>
हम ऐसे हैं जो मोहब्बत में जाँ निसार करते हैं;<br/>
निगाहें मिलाते हैं अक्सर लोगों से छुपाकर;<br/>
जैसे किसी गुनाह को यारो गुनाहगार करते हैं।Upload to Facebook
    दिल ही दिल में हम तुमसे प्यार करते हैं;
    हम ऐसे हैं जो मोहब्बत में जाँ निसार करते हैं;
    निगाहें मिलाते हैं अक्सर लोगों से छुपाकर;
    जैसे किसी गुनाह को यारो गुनाहगार करते हैं।
  • ना वो कुछ कहते हैं, ना कुछ हम कहते हैं;
    मगर निगाहें बहुत कुछ, होंठ कुछ कम कहते हैं;
    हम चाहते हैं कुछ वो कहें कुछ हम कहें;
    बात यही हम बार-बार तुझसे सनम कहते है।
  • मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू;
    हकीकत में मेरे दिल का खुदा है तू।
  • मैं खुद पहल करूँ या उधर से हो इब्तिदा;
    बरसों गुज़र गए हैं यही सोचते हुए।
    ~ Ahsaan Danish
  • न जाने क्यों उससे प्यार करता हूँ मैं;<br/>
न जाने क्यों उसपे जान निस्सार करता हूँ मैं;<br/>
यह जानता हूँ वह देगा धोखा एक दिन;<br/>
फिर भी जाने क्यों उसपे ऐतबार करता हूँ मैं।Upload to Facebook
    न जाने क्यों उससे प्यार करता हूँ मैं;
    न जाने क्यों उसपे जान निस्सार करता हूँ मैं;
    यह जानता हूँ वह देगा धोखा एक दिन;
    फिर भी जाने क्यों उसपे ऐतबार करता हूँ मैं।
  • जब तु जुदा होता है;
    तब ज़िंदगी तन्हा होती है;
    ख़ुशी जो तेरे पास रहकर मिलती है;
    वो कहाँ लफ़्ज़ों में बयां होती है।
  • खुदा से भी पहले तेरा नाम लिया है मैंने;
    क्या पता तुझे कितना याद किया है मैंने;
    काश सुन सके तू धड़कन मेरी;
    हर सांस को तेरे नाम से जिया है मैंने।
  • इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता;<br/>
तो दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता;<br/>
इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है;<br/>
एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता।Upload to Facebook
    इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता;
    तो दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता;
    इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है;
    एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता।
  • लोग पूछते हैं हमसे कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
    तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए हम उनसे प्यार उतना नहीं करते।