गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मोहब्बत मुझे तुम से नहीं तेरे किरदार से है,<br/>
वरना हसीन लोग तो बाजार में आम मिला करते हैं।Upload to Facebook
    मोहब्बत मुझे तुम से नहीं तेरे किरदार से है,
    वरना हसीन लोग तो बाजार में आम मिला करते हैं।
  • एक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ;<br/>
ऐ संग-दिल तुझे भी ख़बर है कि क्या हुआ।Upload to Facebook
    एक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ;
    ऐ संग-दिल तुझे भी ख़बर है कि क्या हुआ।
    ~ Arsh Siddique
  • चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,<br/>
कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।Upload to Facebook
    चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
    कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।
  • मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,<br />
मेरी चाहतों से भी सच्ची रही नफरत उसकी।Upload to Facebook
    मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,
    मेरी चाहतों से भी सच्ची रही नफरत उसकी।
  • कभी भूल कर भी मत जाना मोहब्बत के जंगल में,<br/>
यहाँ साँप नहीं हमसफ़र डसा करते हैं।Upload to Facebook
    कभी भूल कर भी मत जाना मोहब्बत के जंगल में,
    यहाँ साँप नहीं हमसफ़र डसा करते हैं।
  • मर्ज़ी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने,<br/>
और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम।Upload to Facebook
    मर्ज़ी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने,
    और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम।
  • ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,<br/>
तुम्हें हुस्न देकर और मुझे इश्क़ देकर।Upload to Facebook
    ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर,
    तुम्हें हुस्न देकर और मुझे इश्क़ देकर।
  • छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना;<br/>
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है।Upload to Facebook
    छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना;
    जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है।
  • ख़ामोशियों के सिलसिले बढ़ते गए;<br/>
कारवाँ चलता रहा हम भी चलते गए;<br/>
ना उनको ख़बर, ना हमें उनकी फिकर;<br/>
ज़िंदगी जिस राह ले चली हम भी चलते गए।Upload to Facebook
    ख़ामोशियों के सिलसिले बढ़ते गए;
    कारवाँ चलता रहा हम भी चलते गए;
    ना उनको ख़बर, ना हमें उनकी फिकर;
    ज़िंदगी जिस राह ले चली हम भी चलते गए।
  • कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जानाँ;
    कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे।
    ~ Habib Jalib