गिला शिकवा Hindi Shayari

  • ना जाने यह नज़रें क्यों उदास रहती हैं;
    ना जाने इन्हे किसकी तलाश रहती है;
    जानती हैं यह कि वो किस्मत में नहीं;
    लेकिन फिर भी ना जाने क्यों उन्हें पाने की आस रखती हैं।
  • दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं;
    लोग अब मुझ को तेरे नाम से पहचानते हैं।
    ~ Qateel Shifai
  • बहुत ज़ालिम हो तुम भी, मोहब्बत ऐसे करते हो;<br />
जैसे घर के पिंजरे में परिंदा पाल रखा हो।Upload to Facebook
    बहुत ज़ालिम हो तुम भी, मोहब्बत ऐसे करते हो;
    जैसे घर के पिंजरे में परिंदा पाल रखा हो।
  • तुझे दुश्मनों की खबर न थी मुझे दोस्तों का पता नहीं;
    तेरी दास्ताँ कोई और थी मेरा वाकिया कोई और है।
    ~ Saleem Kausar
  • और भी बनती लकीरें दर्द की शायद कई;
    शुक्र है तेरा खुदा जो हाथ छोटा सा दिया;
    तूने जो बख्शी हमें बस चार दिन की ज़िंदगी;
    या ख़ुदा अच्छा किया जो साथ छोटा सा दिया।
  • यहाँ गमगीन मत होना, कोई जो भूल जाए तो;<br />
यहाँ रब को भी सब, वक़्त-ए-ज़रूरत याद करते हैं।Upload to Facebook
    यहाँ गमगीन मत होना, कोई जो भूल जाए तो;
    यहाँ रब को भी सब, वक़्त-ए-ज़रूरत याद करते हैं।
  • तू छोड़ दे कोशिशें इंसानो को पहचानने की;
    यहाँ ज़रूरत के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं;
    अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डाल कर;
    हर शख्स कहता है ज़माना बड़ा खराब है।
  • जरा सी वक़्त ने करवट क्या बदली;<br />
मेरे अपनों के नक़ाब गिर गए।Upload to Facebook
    जरा सी वक़्त ने करवट क्या बदली;
    मेरे अपनों के नक़ाब गिर गए।
  • हाल-ए-दिल ना-गुफ़्तनी है हम जो कहते भी तो क्या;
    फिर भी ग़म ये है कि उस ने हम से पूछा ही नहीं।
    ~ Saleem Ahmed
  • जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा;<br/>
इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से ख़रीदा है।Upload to Facebook
    जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा;
    इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से ख़रीदा है।