दर्द Hindi Shayari

  • दयार-ए-दिल की राह में चराग़ सा जला गया;<br/>
मिला नहीं तो क्या हुआ, वो शक़्ल तो दिखा गया!Upload to Facebook
    दयार-ए-दिल की राह में चराग़ सा जला गया;
    मिला नहीं तो क्या हुआ, वो शक़्ल तो दिखा गया!
    ~ Nasir Kazmi
  • माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी;<br/>
मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम!Upload to Facebook
    माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी;
    मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम!
  • तिलिस्म-ए-गुंबद-ए-गर्दूं को तोड़ सकते हैं;<br/> 
ज़ुजाज की ये इमारत है संग-ए-ख़ारा नहीं!<br/> <br/>  
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    तिलिस्म-ए-गुंबद-ए-गर्दूं को तोड़ सकते हैं;
    ज़ुजाज की ये इमारत है संग-ए-ख़ारा नहीं!

    ~ Allama Iqbal
  • अब मैं समझा तेरे रुख़सार पे तिल का मतलब;<br/>
दौलत-ए-हुस्न पे दरबान बिठा रखा है!Upload to Facebook
    अब मैं समझा तेरे रुख़सार पे तिल का मतलब;
    दौलत-ए-हुस्न पे दरबान बिठा रखा है!
    ~ Qamar Moradabadi
  • मुझे बख्शी ख़ुदा ने कौन रोकेगा ज़ुबाँ मेरी;<br/>
तुम्हें हर हाल में सुननी पड़ेगी दास्तां मेरी! Upload to Facebook
    मुझे बख्शी ख़ुदा ने कौन रोकेगा ज़ुबाँ मेरी;
    तुम्हें हर हाल में सुननी पड़ेगी दास्तां मेरी!
    ~ Shamsi Meenai
  • ग़म दिये हैं हयात ने हम को;<br/>
ग़म ने हम से हयात पायी है! Upload to Facebook
    ग़म दिये हैं हयात ने हम को;
    ग़म ने हम से हयात पायी है!
  • लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क;<br/>
बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे!Upload to Facebook
    लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क;
    बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे!
  • दिल से रुख़स्त हुई कोई ख़्वाहिश;<br/>
गिर्या कुछ बे-सबब नहीं आता!<br/><br/>
Rukhsat, रुख़स्त: Departing<br/>
Giryaa, गिर्या: Tears, Crying<br/>
Be-Sabab, बे-सबब: Without any causeUpload to Facebook
    दिल से रुख़स्त हुई कोई ख़्वाहिश;
    गिर्या कुछ बे-सबब नहीं आता!

    Rukhsat, रुख़स्त: Departing
    Giryaa, गिर्या: Tears, Crying
    Be-Sabab, बे-सबब: Without any cause
    ~ Meer Taqi Meer
  • जी में क्या-क्या है अपने ऐ हम-दम;<br/>
पर सुखन ता-बलब नहीं आता!Upload to Facebook
    जी में क्या-क्या है अपने ऐ हम-दम;
    पर सुखन ता-बलब नहीं आता!
    ~ Meer Taqi Meer
  • चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ायें;<br/>
न तुम याद आओ न हम याद आयें!Upload to Facebook
    चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ायें;
    न तुम याद आओ न हम याद आयें!
    ~ Sardar Anjum