हमनें दुनिया में मोहब्बत का असर ज़िंदा किया है; हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया है। |
मेरे सजदों में कमी तो न थी ऐ खुदा; या मुझ से भी बढ़कर किसी ने माँगा था उसको। |
दिल की बर्बादियों पे नाज़ाँ हूँ; फ़तेह पा कर शिकस्त खाई है। |
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें; कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं। |
गर डूबना ही अपना मुक़द्दर है तो सुनो; डूबेंगे हम ज़रूर मगर नाख़ुदा के साथ। Meaning: नाख़ुदा = नाविक |
इतनी सी बात पे दिल की धड़कन रुक गई `फ़राज़`; एक पल जो तसव्वुर किया तेरे बिना जीने का। |
चला जाता हूँ हँसता-खेलता मौजे-हवादिस से; अगर आसानियाँ हों जिन्दगी दुश्वार हो जाये| |
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना; दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना! Meaning: इशरत-ए-क़तरा = बूंद का सुख |
चालाकी कहाँ मिलती है, मुझे भी बता दो दोस्तों; हर कोई ठग ले जाता है, जरा सा मीठा बोल कर! |
कोई सुलह करा दे जिदंगी की उलझनों से; बड़ी तलब लगी है आज मुस्कुराने की! |