दर्द Hindi Shayari

  • ना हम रहे दिल लगाने के काबिल;<br />
ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल;<br />
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर;<br />
ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।Upload to Facebook
    ना हम रहे दिल लगाने के काबिल;
    ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल;
    लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर;
    ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।
  • अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं​;<br />
​रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं​;​<br />
​​
​​पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता हैं​;​<br />
​अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं​।Upload to Facebook
    अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं​;
    ​रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं​;​
    ​​ ​​पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता हैं​;​
    ​अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं​।
    ~ Nida Fazli
  • तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहीं;<br />
हम भी अपने ख्वाब तेरी आँखों में रख कर भूल गए।Upload to Facebook
    तुझको भी जब अपनी कसमें अपने वादे याद नहीं;
    हम भी अपने ख्वाब तेरी आँखों में रख कर भूल गए।
    ~ Nazeer Baqri
  • वो जज़्बों की तिजारत थी, यह दिल कुछ और समझा था;<br />
उसे हँसने की आदत थी, यह दिल कुछ और समझा था;<br />
मुझे देख कर अक्सर वो निगाहें फेर लेते थे;<br />
वो दर-ए-पर्दा हकारत थी, यह दिल कुछ और समझा था।<br /><br />

शब्दार्थ<br />
हकारत = नफरतUpload to Facebook
    वो जज़्बों की तिजारत थी, यह दिल कुछ और समझा था;
    उसे हँसने की आदत थी, यह दिल कुछ और समझा था;
    मुझे देख कर अक्सर वो निगाहें फेर लेते थे;
    वो दर-ए-पर्दा हकारत थी, यह दिल कुछ और समझा था।

    शब्दार्थ
    हकारत = नफरत
  • मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;<br />
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;<br />

तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;<br />
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना।Upload to Facebook
    मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;
    तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;
    तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
    तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना।
    ~ Aitbar Sajid
  • दर्द-ए-दिल कम ना होगा ऐ सनम;<br />
आपकी महफ़िल से जाने के बाद;<br />
नाम बदनाम हमारा होगा;<br />
आपकी ज़िन्दगी से जाने के बाद।Upload to Facebook
    दर्द-ए-दिल कम ना होगा ऐ सनम;
    आपकी महफ़िल से जाने के बाद;
    नाम बदनाम हमारा होगा;
    आपकी ज़िन्दगी से जाने के बाद।
  • एक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा;
    मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा;
    भागता हूँ हर तरफ़ ऐसे हवा के साथ साथ;
    जिस तरह सच मुच मुझे उस का पता मिल जाएगा।
    ~ Adeem Hashmi
  • हमें क्या पता था, मौसम ऐसे रो पड़ेगा;<br />
हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई थी।Upload to Facebook
    हमें क्या पता था, मौसम ऐसे रो पड़ेगा;
    हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई थी।
  • खुलेगी इस नज़र पे चश्म-ए-तर आहिस्ता आहिस्ता;
    किया जाता है पानी में सफ़र आहिस्ता आहिस्ता;
    कोई ज़ंजीर फिर वापस वहीं पर ले के आती है;
    कठिन हो राह तो छूटता है घर आहिस्ता आहिस्ता।
    ~ Parveen Shakir
  • अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;<br />
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;<br />
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;<br />
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;<br />
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;<br />
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।Upload to Facebook
    अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये;
    जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये;
    मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने;
    जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये;
    वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर;
    उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये।