अन्य Hindi Shayari

  • दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह;</br>
दैर हिन्दू छोड़ कर काबा मुसलमाँ छोड़ कर!Upload to Facebook
    दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह;
    दैर हिन्दू छोड़ कर काबा मुसलमाँ छोड़ कर!
    ~ Waliullah Muhib
  • सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,</br>
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो;</br>
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,</br>
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो!Upload to Facebook
    सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
    सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो;
    किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,
    तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो!
    ~ Nida Fazli
  • क़ैस जंगल में अकेला ही मुझे जाने दो;</br>
ख़ूब गुज़रेगी, जो मिल बैठेंगे दीवाने दो।Upload to Facebook
    क़ैस जंगल में अकेला ही मुझे जाने दो;
    ख़ूब गुज़रेगी, जो मिल बैठेंगे दीवाने दो।
  • 'मीर' अमदन भी कोई मरता है;</br>
जान है तो जहान है प्यारे।Upload to Facebook
    'मीर' अमदन भी कोई मरता है;
    जान है तो जहान है प्यारे।
    ~ Mir Taqi Mir
  • आईनों को ज़ंग लगा;</br>
अब मैं कैसा लगता हूँ!Upload to Facebook
    आईनों को ज़ंग लगा;
    अब मैं कैसा लगता हूँ!
    ~ Jaun Elia
  • साहिल के सुकून से किसे इनकार है लेकिन;</br>
तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है!</br>
*साहिल: किनाराUpload to Facebook
    साहिल के सुकून से किसे इनकार है लेकिन;
    तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है!
    *साहिल: किनारा
    ~ Aale Ahmad Suroor
  • आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ;</br>
ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज!</br>
*सहरा: रेगिस्तानUpload to Facebook
    आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ;
    ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज!
    *सहरा: रेगिस्तान
    ~ Azad Gulati
  • क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;</br>
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!</br>
*ख़ाक-नशीनों: तपस्वीUpload to Facebook
    क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;
    हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!
    *ख़ाक-नशीनों: तपस्वी
    ~ Jigar Moradabadi
  • रात को रोज़ डूब जाता है;</br>
चाँद को तैरना सिखाना है!Upload to Facebook
    रात को रोज़ डूब जाता है;
    चाँद को तैरना सिखाना है!
    ~ Bedil Haidri
  • हयात ले के चलो क़ायनात ले के चलो;</br>
चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो!Upload to Facebook
    हयात ले के चलो क़ायनात ले के चलो;
    चलो तो सारे ज़माने को साथ ले के चलो!
    ~ Makhdoom Mohiuddin