हुस्न Hindi Shayari

  • हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब;</br>
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे!Upload to Facebook
    हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब;
    फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे!
    ~ Iftikhar Aazmi
  • हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;</br>
यहीं डूब जाने को जी चाहता है!Upload to Facebook
    हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;
    यहीं डूब जाने को जी चाहता है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;</br>
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!Upload to Facebook
    इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;
    क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!
    ~ Jigar Moradabadi
  • इलाही कैसी कैसी सूरतें तूने बनाई हैं;</br>
कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है!</br></br>

* इलाही:  ख़ुदाUpload to Facebook
    इलाही कैसी कैसी सूरतें तूने बनाई हैं;
    कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है!

    * इलाही: ख़ुदा
    ~ Akbar Allahabadi
  • उस के होंठों पे रख के होंठ अपने;</br>
बात ही हम तमाम कर रहे हैं!Upload to Facebook
    उस के होंठों पे रख के होंठ अपने;
    बात ही हम तमाम कर रहे हैं!
    ~ Jaun Elia
  • सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है;</br>
कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं!Upload to Facebook
    सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है;
    कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं!
    ~ Ahmad Faraz
  • क्यों परखते हो सवालों से जवाबों को 'अदीम';<br/>
होंठ अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है!Upload to Facebook
    क्यों परखते हो सवालों से जवाबों को 'अदीम';
    होंठ अच्छे हों तो समझो कि सवाल अच्छा है!
    ~ Adeem Hashmi
  • आँखें साक़ी की जब से देखी हैं;<br/>
हम से दो घूँट पी नहीं जाती!Upload to Facebook
    आँखें साक़ी की जब से देखी हैं;
    हम से दो घूँट पी नहीं जाती!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • इतना सच बोल कि होंठों का तबस्सुम न बुझे;<br/>
रौशनी ख़त्म न कर आगेअँधेरा होगा!<br/><br/>
 * तबस्सुम: मुस्कुराहट, मुस्कान  Upload to Facebook
    इतना सच बोल कि होंठों का तबस्सुम न बुझे;
    रौशनी ख़त्म न कर आगेअँधेरा होगा!

    * तबस्सुम: मुस्कुराहट, मुस्कान
    ~ Nida Fazli
  • तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत;<br/>
हम जहान में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं!Upload to Facebook
    तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत;
    हम जहान में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं!
    ~ Imam Bakhsh Nasikh