अन्य Hindi Shayari

  • आइना देख कर तसल्ली हुई;<br/>हमको इस घर में जानता है कोई!Upload to Facebook
    आइना देख कर तसल्ली हुई;
    हमको इस घर में जानता है कोई!
    ~ Gulzar
  • एक ख्याल ही तो हूँ मैं... याद रह जाऊँ... तो याद रखना;
वरना सौ बहाने मिलेंगे... भूल जाना मुझे!Upload to Facebook
    एक ख्याल ही तो हूँ मैं... याद रह जाऊँ... तो याद रखना; वरना सौ बहाने मिलेंगे... भूल जाना मुझे!
  • किसी भी ​मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता;<br/>
​शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता।Upload to Facebook
    किसी भी ​मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता;
    ​शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता।
  • माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा;<br/>
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा!Upload to Facebook
    माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा;
    तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा!
  • सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम मैंने, लेकिन सच तो यह है कि...<br/>

खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!Upload to Facebook
    सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम मैंने, लेकिन सच तो यह है कि...
    खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!
  • देख कर आइना तसल्ली हुई;<br/>
हम को इस घर में जानता है कोई!Upload to Facebook
    देख कर आइना तसल्ली हुई;
    हम को इस घर में जानता है कोई!
    ~ Gulzar
  • लफ़्ज़ों का इस्तेमाल हिफाज़त से करिये;
ये परवरिश का बेहतरीन सबूत होते हैं!Upload to Facebook
    लफ़्ज़ों का इस्तेमाल हिफाज़त से करिये; ये परवरिश का बेहतरीन सबूत होते हैं!
  • फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो, जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो;<br/>
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ, आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।Upload to Facebook
    फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो, जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो;
    जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ, आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
  • जाने वो कैसे मुकद्दर की किताब लिख देता है,<br/>
साँसे गिनती की, और ख्वाहिशें बेहिसाब लिख देता है!Upload to Facebook
    जाने वो कैसे मुकद्दर की किताब लिख देता है,
    साँसे गिनती की, और ख्वाहिशें बेहिसाब लिख देता है!
  • जो किताबों में है वो सब का है,<br/>
तू बता तेरा तजरबा क्या है!Upload to Facebook
    जो किताबों में है वो सब का है,
    तू बता तेरा तजरबा क्या है!
    ~ Nida Fazli