अन्य Hindi Shayari

  • देखिये पाते हैं उश्शाक़, बुतों से क्या फ़ैज़;
    एक ब्राह्मण ने कहा है, कि यह साल अच्छा है!
    ~ Mirza Ghalib
  • नजाकत ले के आँखों में, वो उनका देखना तौबा;
    या खुदा, हम उन्हें देखें कि उनका देखना देखें!
  • फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं, अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ;<br/>
लोग मंदिर मस्जिदों में जाते हैं, मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ।Upload to Facebook
    फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं, अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ;
    लोग मंदिर मस्जिदों में जाते हैं, मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ।
  • शहर में सबको कहाँ मिलती है रोने की जगह,<br/>
अपनी इज़्ज़त भी यहाँ हँसने हंसाने से रही।Upload to Facebook
    शहर में सबको कहाँ मिलती है रोने की जगह,
    अपनी इज़्ज़त भी यहाँ हँसने हंसाने से रही।
    ~ Nida Fazli
  • वो एक बात बहुत तल्ख़ कही थी उसने,
    बात तो याद नहीं, याद है लहज़ा उसका।
  • फरवरी आयी है नया नाम लेकर, कुछ खबर कुछ इल्जाम लेकर;
    मोहबत का महीना है, सम्भल कर रहना कोई छोड ना जाये झूठा पेगाम देकर।
  • मोहब्बत अब समझदार हो गयी है,
    हैसियत देख कर आगे बढ़ती है।
  • कुछ लोग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पूछते,
    कि ये पागल दीवाना फिर कोई शायरी न कर दे।
  • हर रिश्ते मे सिर्फ नूर बरसेगा,
    शर्त बस इतनी है कि रिश्ते में शरारतें करो, साजिशें नहीं।
  • मैं वो मेले में भटकता हुआ एक बच्चा हूँ,<br/>
जिसके माँ-बाप को रोते हुए मर जाना है;<br/>
एक बेनाम से रिश्ते की तमन्ना लेकर,<br/>
इस कबूतर को किसी छत पे उतर जाना है।Upload to Facebook
    मैं वो मेले में भटकता हुआ एक बच्चा हूँ,
    जिसके माँ-बाप को रोते हुए मर जाना है;
    एक बेनाम से रिश्ते की तमन्ना लेकर,
    इस कबूतर को किसी छत पे उतर जाना है।
    ~ Munawwar Rana