वो मुलाक़ात कुछ अधूरी सी लगी; पास होकर भी कुछ दूरी सी लगी; होंठों पे हँसी आँखों में नमी; पहली बार किसी की चाहत ज़रूरी सी लगी। |
आँखों में बस बसी है सूरत आपकी; दिल में छुपी है मूरत आपकी; महसूस होता है जीने के लिए; हमें तो बस है ज़रूरत आपकी। |
ग़म्ज़ा नहीं होता कि इशारा नहीं होता; आँख उन से जो मिलती है तो क्या क्या नहीं होता। |
दो कदम चलने के लिए साथ माँगा है; बस पल दो पल के लिए प्यार माँगा है; हम समझते हैं उसकी मज़बूरियों को; इसलिए उसे उसकी मज़बूरियों के साथ माँगा है। |
मैं तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती; मैं जवाब बनता अगर तू सवाल होती; सब जानते है मैं शरब नहीं पीता; मगर मैं भी पी लेता अगर तू शराब होती। |
दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया; लोगों ने हमसे पूछा कि तुम्हें क्या हो गया; बेकरार आँखों से सिर्फ हँस के रह गए; ये भी ना कह सके कि हमें प्यार हो गया। |
मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन; आवाजों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन; सदियों सदियों वही तमाशा रस्ता रस्ता लम्बी खोज; लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन। |
मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ; कोई मासूम क्यों मेरे लिए बदनाम हो जाए। |
चलो उसका नही तो खुदा का एहसान लेते हैं; वो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते हैं। |
भेज दी तस्वीर अपनी उन को ये लिख कर 'शकील'; आप की मर्ज़ी है चाहे जिस नज़र से देखिए। |