इश्क Hindi Shayari

  • क्यों तू अच्छा लगता है, वक़्त मिला तो सोचेंगे;
    तुझ में क्या क्या देखा है, वक़्त मिला तो सोचेंगे;
    सारा शहर शहंशाही का दावेदार तो है लेकिन;
    क्यों तू हमारा अपना है, वक़्त मिला तो सोचेंगे।
  • रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है;<br />
बस तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है।Upload to Facebook
    रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है;
    बस तुम ज़रा ठहर जाओ रात कब ठहरती है।
  • प्यार वो है जिसमे सच्चाई हो;
    साथी की हर बात का एहसास हो;
    उसकी हर अदा पर नाज़ हो;
    दूर रह कर भी पास होने का एहसास हो।
  • आये जो वो सामने तो अज़ब तमाशा हुआ; <br />
हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली।Upload to Facebook
    आये जो वो सामने तो अज़ब तमाशा हुआ;
    हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली।
  • मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है;<br />
हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है;<br />
जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले;<br />
तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।Upload to Facebook
    मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है;
    हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है;
    जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले;
    तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
  • इश्क़ करने में नही पूछी जाती जात मोहबत की;<br />
चलो कुछ तो है दुनिया में जो मज़हबी नहीं हुआ।Upload to Facebook
    इश्क़ करने में नही पूछी जाती जात मोहबत की;
    चलो कुछ तो है दुनिया में जो मज़हबी नहीं हुआ।
  • ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा;<br />
तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है;<br />
भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके;<br />
जब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।Upload to Facebook
    ख्याल में आता है जब भी उसका चेहरा;
    तो लबों पे अक्सर फरियाद आती है;
    भूल जाता हूँ सारे ग़म और सितम उसके;
    जब ही उसकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।
  • तू कहीं हो दिल-ए-दीवाना वहाँ पहुँचेगा;
    शमा होगी जहाँ परवाना वहाँ पहुँचेगा।
    ~ Bahadur Shah Zafar
  • कभी दोस्ती कहेंगे कभी बेरुख़ी कहेंगे;
    जो मिलेगा कोई तुझसा उसे ज़िन्दगी कहेंगे;
    तेरा देखना है जादू तेरी गुफ़्तगू है खुशबू;
    जो तेरी तरह चमके उसे रोशनी कहेंगे।
  • ये दिल भुलाता नहीं है मोहब्बतें उसकी;
    पड़ी हुई थी मुझे कितनी आदतें उसकी;
    ये मेरा सारा सफर उसकी खुशबू में कटा;
    मुझे तो राह दिखाती थी चाहतें उसकी।
    ~ Noshi Gilani