इश्क Hindi Shayari

  • उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था;<br/>
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था;<br/>
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम;<br/>
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।Upload to Facebook
    उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था;
    कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था;
    बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम;
    प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।
  • प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं;<br/>
तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं;<br/>
हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं;<br/>
और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है। Upload to Facebook
    प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं;
    तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं;
    हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं;
    और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।
  • चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए;<br/>
खुद नज़रों में अपनी बेगाने हुए;<br/>
अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें;<br/>
इश्क़ में तेरे इस कदर दीवाने हुए।Upload to Facebook
    चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए;
    खुद नज़रों में अपनी बेगाने हुए;
    अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें;
    इश्क़ में तेरे इस कदर दीवाने हुए।
  • तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है;<br/>
तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है;<br/>
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें;<br/>
लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है।Upload to Facebook
    तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है;
    तेरे दिल की धड़कन में दिल की जान है;
    ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें;
    लगता है उस रोज़ ये जिस्म बेजान है।
  • ना दिल से होता है, ना दिमाग से होता है;
    ये प्यार तो इत्तेफ़ाक़ से होता है;
    पर प्यार करके प्यार ही मिले;
    ये इत्तेफ़ाक़ भी किसी-किसी के साथ होता है।
  • फिर से वो सपना सजाने चला हूँ;
    उमीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ;
    पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा;
    फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ।
  • मुश्किल था कुछ तो इश्क़ की बाज़ी को जीतना;
    कुछ जीतने के ख़ौफ़ से हारे चले गए।
    ~ Shakeel Badayuni
  • आईने में भी खुद को झांक कर देखा;<br/>
खुद को भी हमने तनहा करके देखा;<br/>
पता चल गया हमें कितनी मोहब्बत है आपसे;<br/>
जब तेरी याद को दिल से जुदा करके देखा।Upload to Facebook
    आईने में भी खुद को झांक कर देखा;
    खुद को भी हमने तनहा करके देखा;
    पता चल गया हमें कितनी मोहब्बत है आपसे;
    जब तेरी याद को दिल से जुदा करके देखा।
  • देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं;<br/>
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं;<br/>
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर;<br/>
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।Upload to Facebook
    देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं;
    दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं;
    नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से हो कर;
    फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
  • कहते हैं ग़ज़ल क़ाफ़िया-पैमाई है नासिर;
    ये क़ाफ़िया-पैमाई ज़रा कर के तो देखो।
    ~ Nasir Kazmi