अन्य Hindi Shayari

  • रिश्ते बनाना इतना आसान जैसे,<br/>
'मिट्टी' पर 'मिट्टी' से  `मिट्टी`  लिखना;<br/>
लेकिन रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल जैसे,<br/>
'पानी' पर 'पानी' से  `पानी`  लिखना!Upload to Facebook
    रिश्ते बनाना इतना आसान जैसे,
    'मिट्टी' पर 'मिट्टी' से "मिट्टी" लिखना;
    लेकिन रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल जैसे,
    'पानी' पर 'पानी' से "पानी" लिखना!
  • तुम्हें सिर्फ ठेला दिखता है सड़क पर साहब,<br/>
हक़ीक़त में वो अपना पूरा घर खींचता है!Upload to Facebook
    तुम्हें सिर्फ ठेला दिखता है सड़क पर साहब,
    हक़ीक़त में वो अपना पूरा घर खींचता है!
  • तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी,<BR/> 
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।Upload to Facebook
    तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी,
    कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।
  • बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने;<br/>
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है!Upload to Facebook
    बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने;
    किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है!
    ~ Nida Fazli
  • वो इत्र-दान सा लहजा मेरे बुज़ुर्गों का;<br/>
रची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बू!Upload to Facebook
    वो इत्र-दान सा लहजा मेरे बुज़ुर्गों का;
    रची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बू!
    ~ Bashir Badr
  • इबादतखानो में क्या ढूंढते हो मुझे;<br/>
मैं वहाँ भी हूँ, जहाँ तुम गुनाह करते हो!Upload to Facebook
    इबादतखानो में क्या ढूंढते हो मुझे;
    मैं वहाँ भी हूँ, जहाँ तुम गुनाह करते हो!
  • ईमां गलत, उसूल गलत, इद्देआ गलत;<br/>
इन्सां की दिलदेही अगर इन्सां न कर सके!<br/><br/>

ईमां = धर्म, मजहब<br/>  
इद्देआ = इच्छा, चाह<br/>
दिलदेही = दिलासा, सांत्वना, ढाढसUpload to Facebook
    ईमां गलत, उसूल गलत, इद्देआ गलत;
    इन्सां की दिलदेही अगर इन्सां न कर सके!

    ईमां = धर्म, मजहब
    इद्देआ = इच्छा, चाह
    दिलदेही = दिलासा, सांत्वना, ढाढस
  • हम भी दरिया हैं हमें, अपना हुनर मालूम है;<br/>
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जायेगा।Upload to Facebook
    हम भी दरिया हैं हमें, अपना हुनर मालूम है;
    जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जायेगा।
    ~ Bashir Badr
  • शरीर के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र;<br/>
सिर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं।Upload to Facebook
    शरीर के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र;
    सिर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं।
  • दिल दिया जिस ने किसी को वो हुआ साहेब-ए-दिल;<br/>
हाथ आ जाती है खो देने से दौलत दिल की!
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    दिल दिया जिस ने किसी को वो हुआ साहेब-ए-दिल;
    हाथ आ जाती है खो देने से दौलत दिल की!
    ~ Aasi Ghazipuri