Hindi Shayari

  • काँटों से दिल लगाओ जो ता-उम्र साथ दें;</br>
फूलों का क्या जो साँस की गर्मी न सह सकें!Upload to Facebook
    काँटों से दिल लगाओ जो ता-उम्र साथ दें;
    फूलों का क्या जो साँस की गर्मी न सह सकें!
    ~ Akhtar Sheerani
  • सुन चुके जब हाल मेरा ले के अंगड़ाई कहा;</br>
किस ग़ज़ब का दर्द ज़ालिम तेरे अफ़्साने में था!Upload to Facebook
    सुन चुके जब हाल मेरा ले के अंगड़ाई कहा;
    किस ग़ज़ब का दर्द ज़ालिम तेरे अफ़्साने में था!
    ~ Shad Azimabadi
  • हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;</br>
यहीं डूब जाने को जी चाहता है!Upload to Facebook
    हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;
    यहीं डूब जाने को जी चाहता है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • जब तुझे याद कर लिया सुबह महक महक उठी;</br>
जब तेरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गयी!Upload to Facebook
    जब तुझे याद कर लिया सुबह महक महक उठी;
    जब तेरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गयी!
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन;</br>
होश उड़ जाते हैं अब भी तेरी आवाज़ के साथ!Upload to Facebook
    सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन;
    होश उड़ जाते हैं अब भी तेरी आवाज़ के साथ!
    ~ Aasi Uldani
  • उसने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं;</br>
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई!Upload to Facebook
    उसने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं;
    भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई!
    ~ Jamal Ehsani
  • हम को यारों ने याद भी न रखा;</br>
'जौन' यारों के यार थे हम तो!Upload to Facebook
    हम को यारों ने याद भी न रखा;
    'जौन' यारों के यार थे हम तो!
    ~ Jaun Elia
  • चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है;</br>
अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है!Upload to Facebook
    चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है;
    अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है!
    ~ Farhat Ehsas
  • दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे;</br>
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे!</br></br>
*रंज: दुखUpload to Facebook
    दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे;
    जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे!

    *रंज: दुख
    ~ Daagh Dehlvi
  • इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;</br>
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!Upload to Facebook
    इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;
    क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!
    ~ Jigar Moradabadi