Hindi Shayari

  • लोगों ने कहा धोखेबाज़ है वो, हमे लोग गलत लगे;
    वो सही लगी, बाकि सारे सितम गलत लगे|
    सातों जन्म के वादे थे उसके, हमने भी सच माना;
    हमसे कोई अच्छा मिला, तो उसे हम गलत लगे|
    ~ चाहत अली
  • कोई लम्हा हो तेरे साथ का, जो मेरी उम्र भर को समेट दे; मैं फ़ना बक़ा के सभी सफ़र, उसी एक पल में गुज़ार दूँ!
    ~ Hassan Khan
  • तन्हाई में फ़रयाद तो कर सकता हूँ;
    वीराने को आबाद तो कर सकता हूँ|
    मैं जब चाहूँ आपसे मिल नही सकता;
    पर जब चाहूँ आपको याद तो कर सकता हूँ|
    ~ shaarib sabri
  • अपने चहरे के किसे दाग नज़र आते हैं;
    वक्त हर शख्स को आईना दिखा देता है!
    ~ Ahmad Faraz
  • तेरी दुआओं में असर हो तो मस्जिद को हिला के दिखा;
    नहीं तो दो घूँट पी और मस्जिद को हिलता देख!
    ~ Mirza Ghalib
  • दिल के लुट जाने का इज़हार जरूरी तो नहीं,
    ये तमाशा सर-ए-बाज़ार जरूरी तो नहीं;
    मुझे था इश्क़ तेरी रूह से और अब भी है,
    जिस्म से हो कोई सरोकार जरूरी तो नही;
    मैं तुझे टूट कर चाहूँ ये तो मेरी फ़ितरत है,
    तू भी हो मेरा तलबगार जरूरी तो नहीं;
    ऐ सितमगर जरा झाँक जरा मेरी आँखों में,
    जुबां से हो प्यार का इज़हार जरूरी तो नहीं!
    ~ MUNIR HUSSAIN
  • अब अपने लहज़े में नरमी बहुत ज्यादा है,
    नए बरस में नई जंग का इरादा है!
    ~ राहत इंदौरी
  • एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
    और लोग कहते हैं की हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली!
    ~ Gulzar
  • याददाश्त का कमज़ोर होना कोई बुरी बात नहीं;
    बहुत बैचेन रहते हैं वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है!
    ~ Gulzar
  • जाती है धूप उजले परों को समेट के,
    ज़ख़्मों को अब गिनूँगा मैं बिस्तर पे लेट के|
    ~ शकेब जलाली