Hindi Shayari

  • दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजिये रिश्ता;<br />
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए!Upload to Facebook
    दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजिये रिश्ता;
    दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिए!
    ~ Nida Fazli
  • ये है कि झुकाता है मुख़ालिफ़ की भी गर्दन;<br />
सुन लो कि कोई शय नहीं एहसान से बेहतर!<br /><br />
*मुख़ालिफ़: विरोधी<br />
*शय: चीज़Upload to Facebook
    ये है कि झुकाता है मुख़ालिफ़ की भी गर्दन;
    सुन लो कि कोई शय नहीं एहसान से बेहतर!

    *मुख़ालिफ़: विरोधी
    *शय: चीज़
    ~ Akbar Allahabadi
  • जस्ता जस्ता पढ़ लिया करना मज़ामीन-ए-वफ़ा,<br />
पर किताब-ए-इश्क़ का हर बाब मत देखा करो;<br />
इस तमाशे में उलट जाती हैं अक्सर कश्तियाँ,<br />
डूबने वालों को ज़ेर-ए-आब मत देखा करो;<br /><br />
*जस्ता: उछला हुआ<br />
*बाब: द्वार<br />
*ज़ेर-ए-आब: पानी के नीचे<br />
*मज़ामीन-ए-वफ़ा: निरंतरता के विषयUpload to Facebook
    जस्ता जस्ता पढ़ लिया करना मज़ामीन-ए-वफ़ा,
    पर किताब-ए-इश्क़ का हर बाब मत देखा करो;
    इस तमाशे में उलट जाती हैं अक्सर कश्तियाँ,
    डूबने वालों को ज़ेर-ए-आब मत देखा करो;

    *जस्ता: उछला हुआ
    *बाब: द्वार
    *ज़ेर-ए-आब: पानी के नीचे
    *मज़ामीन-ए-वफ़ा: निरंतरता के विषय
    ~ Ahmad Faraz
  • ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया;<br />
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया!Upload to Facebook
    ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया;
    तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया!
    ~ Dagh Dehlvi
  • हम फ़क़ीरों का पैरहन है धूप;<br />
और ये रात अपनी चादर है!<br /><br />
*पैरहन: पहनने के कपड़ेUpload to Facebook
    हम फ़क़ीरों का पैरहन है धूप;
    और ये रात अपनी चादर है!

    *पैरहन: पहनने के कपड़े
    ~ Abid Wadood
  • मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा,<br />
ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है;<br />
बुत भी रखे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं,<br />
दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है!<br /><br />
*बुत: मूर्तियों<br />
*अदा: चुकानाUpload to Facebook
    मुझ में रहता है कोई दुश्मन-ए-जानी मेरा,
    ख़ुद से तन्हाई में मिलते हुए डर लगता है;
    बुत भी रखे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं,
    दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है!

    *बुत: मूर्तियों
    *अदा: चुकाना
    ~ Bashir Badr
  • हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;<br />
आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!<br /><br />
*अहवाल: परिस्थितिUpload to Facebook
    हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चिराग;
    आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो!

    *अहवाल: परिस्थिति
    ~ Irfan Siddiqi
  • वैसे तो एक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए;<br />
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता!Upload to Facebook
    वैसे तो एक आँसू ही बहा कर मुझे ले जाए;
    ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता!
    ~ Wasim Barelvi
  • हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है,<br />
दुश्नाम तो नहीं है ये इकराम ही तो है;<br />
करते हैं जिस पे तान कोई जुर्म तो नहीं,<br />
शौक़-ए-फ़ुज़ूल ओ उल्फ़त-ए-नाकाम ही तो है!<br /><br />
*इकराम: इनाम<br />
*दुश्नाम: अपशब्दUpload to Facebook
    हम पर तुम्हारी चाह का इल्ज़ाम ही तो है,
    दुश्नाम तो नहीं है ये इकराम ही तो है;
    करते हैं जिस पे तान कोई जुर्म तो नहीं,
    शौक़-ए-फ़ुज़ूल ओ उल्फ़त-ए-नाकाम ही तो है!

    *इकराम: इनाम
    *दुश्नाम: अपशब्द
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • जाने किन रिश्तों ने मुझ को बाँध रखा है कि मैं;<br />
मुद्दतों से आँधियों की ज़द में हूँ बिखरा नहीं!Upload to Facebook
    जाने किन रिश्तों ने मुझ को बाँध रखा है कि मैं;
    मुद्दतों से आँधियों की ज़द में हूँ बिखरा नहीं!
    ~ Bashar Nawaz