Hindi Shayari

  • ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है;</br>
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!Upload to Facebook
    ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है;
    ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!
    ~ Iftikhar Arif
  • अज़ीज़ इतना ही रखो कि जी सँभल जाए;</br>
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए!</br>
~ उबैदुल्लाह अलीम</br>
'अज़ीज़</br>
*दोस्त, प्रिय, प्यारा,Upload to Facebook
    अज़ीज़ इतना ही रखो कि जी सँभल जाए;
    अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए!
    ~ उबैदुल्लाह अलीम
    'अज़ीज़
    *दोस्त, प्रिय, प्यारा,
    ~ Obaidullah Aleem
  • यहाँ हर किसी को<br /> दरारों में झाँकने की आदत है,<br />दरवाजे खोल दो,<br />कोई पूछने भी नहीं आएगा।Upload to Facebook
    यहाँ हर किसी को
    दरारों में झाँकने की आदत है,
    दरवाजे खोल दो,
    कोई पूछने भी नहीं आएगा।
  • सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,</br>
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो;</br>
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,</br>
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो!Upload to Facebook
    सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
    सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो;
    किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं,
    तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो!
    ~ Nida Fazli
  • उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या,</br>
दाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या;</br>
मेरी हर बात बे-असर ही रही,</br>
नक़्स है कुछ मेरे बयान में क्या!Upload to Facebook
    उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या,
    दाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या;
    मेरी हर बात बे-असर ही रही,
    नक़्स है कुछ मेरे बयान में क्या!
    ~ Jaun Elia
  • तुम्हारे ख़त में नया एक सलाम किस का था,</br<
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किस का था;</br<
वो क़त्ल कर के मुझे हर किसी से पूछते हैं,</br<
ये काम किस ने किया है ये काम किस का था!Upload to Facebook
    तुम्हारे ख़त में नया एक सलाम किस का था,
    ~ Daagh Dehlvi
  • ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही,</br>
न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही;</br>
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी,</br>
न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही!Upload to Facebook
    ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही,
    न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही;
    शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी,
    न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही!
    ~ Siraj Aurangabadi
  • कभी बैठे सब में जो रू-ब-रू तो इशारतों ही से गुफ़्तुगू;</br>
वो बयान शौक़ का बरमला तुम्हें याद हो कि न याद हो!Upload to Facebook
    कभी बैठे सब में जो रू-ब-रू तो इशारतों ही से गुफ़्तुगू;
    वो बयान शौक़ का बरमला तुम्हें याद हो कि न याद हो!
    ~ Momin Khan Momin
  • सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं,</br>
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं;</br>
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से,</br>
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं!Upload to Facebook
    सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं,
    सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं;
    सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से,
    सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं!
    ~ Ahmad Faraz
  • सुला कर तेज़ धारों को किनारो तुम न सो जाना;</br>
रवानी ज़िंदगानी है तो धारो तुम न सो जाना!Upload to Facebook
    सुला कर तेज़ धारों को किनारो तुम न सो जाना;
    रवानी ज़िंदगानी है तो धारो तुम न सो जाना!
    ~ Kausar Siwani