धीमे सुरों में कोई मधुर गीत छेड़िए; ठहरी हुई हवाओं में जादू बिखेरिए! |
बहाने और भी होते जो ज़िंदगी के लिए; हम एक बार तेरी आरज़ू भी खो देते! |
मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ; मेरे हमराह दरिया जा रहा है! |
दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है; यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं! |
रोने वाले तुझे रोने का सलीक़ा ही नहीं; अश्क पीने के लिए हैं कि बहाने के लिए! |
बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता; जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता! |
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही; दर्द कम हो या ज्यादा हो मगर हो तो सही! |
ये इल्तिजा दुआ ये तमन्ना फ़िज़ूल है; सूखी नदी के पास समुंदर न जाएगा! |
अभी राह में कई मोड़ है कोई आएगा कोई जाएगा; तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो! |
हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल; दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है! |