इश्क Hindi Shayari

  • सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी;</br>
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी!Upload to Facebook
    सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी;
    तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी!
    ~ Jaan Nisar Akhtar
  • इश्क़ में कौन बता सकता है;</br>
किस ने किस से सच बोला है!Upload to Facebook
    इश्क़ में कौन बता सकता है;
    किस ने किस से सच बोला है!
    ~ Mushtaq Ahmad Yusufi
  • दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे;</br>
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे!</br></br>
*रंज: दुखUpload to Facebook
    दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे;
    जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे!

    *रंज: दुख
    ~ Daagh Dehlvi
  • क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता है;</br>
अब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है!</br></br>
*हिज्र: जुदाई, वियोग, विछोह, विरहUpload to Facebook
    क्यों हिज्र के शिकवे करता है क्यों दर्द के रोने रोता है;
    अब इश्क़ किया तो सब्र भी कर इस में तो यही कुछ होता है!

    *हिज्र: जुदाई, वियोग, विछोह, विरह
    ~ Hafeez Jalandhari
  • हमारे पेश-ए-नज़र मंज़िलें कुछ और भी थीं;</br>
ये हादसा है कि हम तेरे पास आ पहुँचे!Upload to Facebook
    हमारे पेश-ए-नज़र मंज़िलें कुछ और भी थीं;
    ये हादसा है कि हम तेरे पास आ पहुँचे!
    ~ Shehzad Ahmed
  • आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो;</br>
बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो!</br></br>

* महताब: चाँदUpload to Facebook
    आशिक़ी में 'मीर' जैसे ख़्वाब मत देखा करो;
    बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो!

    * महताब: चाँद
    ~ Ahmad Faraz
  • हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं;</br>
तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं!Upload to Facebook
    हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं;
    तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं!
    ~ Amir Meenai
  • इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा;</br>
आदमी काम का नहीं होता!Upload to Facebook
    इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा;
    आदमी काम का नहीं होता!
    ~ Jigar Moradabadi
  • मुद्दतें हो गईं 'फ़राज़' मगर;</br>
वो जो दीवानगी की थी है अभी!Upload to Facebook
    मुद्दतें हो गईं 'फ़राज़' मगर;
    वो जो दीवानगी की थी है अभी!
    ~ Ahmad Faraz
  • ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह;</br>
तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं!</br></br>

*मआज़-अल्लाह:  in the protection of God, at the mercy of God  Upload to Facebook
    ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह;
    तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं!

    *मआज़-अल्लाह: in the protection of God, at the mercy of God
    ~ Asrarul Haq Majaz