गिला शिकवा Hindi Shayari

  • वो क़त्ल कर के भी मुंसिफों में शामिल है,<br/>
हम जान देकर भी जमाने में ख़तावार हुए!Upload to Facebook
    वो क़त्ल कर के भी मुंसिफों में शामिल है,
    हम जान देकर भी जमाने में ख़तावार हुए!
  • ज़ाया ना करो अपने अल्फाज़ हर किसी के लिए,<br/>
थोड़ा ख़ामोश रह कर भी देखो कि तुम्हें समझता कौन है!Upload to Facebook
    ज़ाया ना करो अपने अल्फाज़ हर किसी के लिए,
    थोड़ा ख़ामोश रह कर भी देखो कि तुम्हें समझता कौन है!
  • उन्होंने हमें आजमा कर देख लिया,<br/>
इक धोखा हमने भी खा कर देख लिया;<br/>
क्या हुआ हम हुए जो उदास,<br/>
उन्होंने तो अपना दिल बहला के देख लिया!Upload to Facebook
    उन्होंने हमें आजमा कर देख लिया,
    इक धोखा हमने भी खा कर देख लिया;
    क्या हुआ हम हुए जो उदास,
    उन्होंने तो अपना दिल बहला के देख लिया!
  • दुनिया बहुत मतलबी है, साथ कोई क्यों देगा, <br/>
मुफ़्त का यहाँ कफन नही मिलता, तो बिना गम के प्यार कौन देगा।Upload to Facebook
    दुनिया बहुत मतलबी है, साथ कोई क्यों देगा,
    मुफ़्त का यहाँ कफन नही मिलता, तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
  • यूँ ना कहो कि ये किस्मत की बात है;<br/>
मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है।Upload to Facebook
    यूँ ना कहो कि ये किस्मत की बात है;
    मुझे बर्बाद करने में तुम्हारा भी हाथ है।
  • भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, <br/>
तो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता है;<br/>
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना, <br/>
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।Upload to Facebook
    भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत,
    तो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता है;
    मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना,
    तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।
  • पूरी तरह से जीना कब का भूल चूका हूँ मैं, <br/>
कुछ तुम में जिन्दा हूँ कूछ खुद मे बाकी हूँ मैं।Upload to Facebook
    पूरी तरह से जीना कब का भूल चूका हूँ मैं,
    कुछ तुम में जिन्दा हूँ कूछ खुद मे बाकी हूँ मैं।
  • जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता;<br/>
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता!Upload to Facebook
    जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता;
    मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता!
    ~ Javed Akhtar
  • अजल भी टल गई देखी गई हालत न आँखों से;<br/>
शब-ए-ग़म में मुसीबत सी मुसीबत हम ने झेली है!Upload to Facebook
    अजल भी टल गई देखी गई हालत न आँखों से;
    शब-ए-ग़म में मुसीबत सी मुसीबत हम ने झेली है!
    ~ Shad Azeembadi
  • मेरे अल्फ़ाज़ का जादू ज़माने की ज़बाँ पर है;<br/>
तुम्हारी साज़िशों की हर कहानी बेअसर निकली!Upload to Facebook
    मेरे अल्फ़ाज़ का जादू ज़माने की ज़बाँ पर है;
    तुम्हारी साज़िशों की हर कहानी बेअसर निकली!