यादें Hindi Shayari

  • दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया;<br/>
जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया!Upload to Facebook
    दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया;
    जब चली सर्द हवा मैं ने तुझे याद किया!
    ~ Josh Malihabadi
  • दिल धड़कने का सबब याद आया;<br/>
वो तेरी याद थी अब याद आया!Upload to Facebook
    दिल धड़कने का सबब याद आया;
    वो तेरी याद थी अब याद आया!
    ~ Nasir Kazmi
  • मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;<br/>
तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!<br/><br/>

*ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवीUpload to Facebook
    मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;
    तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!

    *ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवी
    ~ Obaidullah Aleem
  • दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते;<br/>
याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते!Upload to Facebook
    दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते;
    याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते!
    ~ Fana Nizami Kanpuri
  • वही फिर मुझे याद आने लगे हैं;<br/>
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं!Upload to Facebook
    वही फिर मुझे याद आने लगे हैं;
    जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं!
    ~ Khumar Barabankvi
  • मैं कई बरसों से तेरी जुस्तुजू करती रही;<br/>
इस सफ़र में आरज़ूओं का लहू करती रही!Upload to Facebook
    मैं कई बरसों से तेरी जुस्तुजू करती रही;
    इस सफ़र में आरज़ूओं का लहू करती रही!
    ~ Erum Zehra
  • फिर ये किस ने मुझे जगाया है;<br/>
फिर से ख़्वाबों में कौन आया है!Upload to Facebook
    फिर ये किस ने मुझे जगाया है;
    फिर से ख़्वाबों में कौन आया है!
    ~ Ozair Rahman
  • अभी कुछ दिन मुझे इस शहर में आवारा रहना है;<br/>
कि अब तक दिल को उस बस्ती की शामें याद आती हैं!Upload to Facebook
    अभी कुछ दिन मुझे इस शहर में आवारा रहना है;
    कि अब तक दिल को उस बस्ती की शामें याद आती हैं!
    ~ Chaudhary Mohammad Naeem
  • आज किसी की याद में हम जी भर कर रोए धोया घर;<br/>
आज हमारा घर लगता है कैसा उजला उजला घर!Upload to Facebook
    आज किसी की याद में हम जी भर कर रोए धोया घर;
    आज हमारा घर लगता है कैसा उजला उजला घर!
    ~ Jafar Baluch
  • बड़े पक्के हैं तेरे एहसास के धागे;<br/>
बिना बाँधे भी बंधे रहते हैं!Upload to Facebook
    बड़े पक्के हैं तेरे एहसास के धागे;
    बिना बाँधे भी बंधे रहते हैं!