साकी और शराब Hindi Shayari

  • यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं; <br/>
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे! Upload to Facebook
    यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं;
    मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे!
    ~ Bashir Badr
  • पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर;<br/>
महफ़िल में यारों ने पिलाई उसी की कसम देकर।xUpload to Facebook
    पीते थे शराब हम उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर;
    महफ़िल में यारों ने पिलाई उसी की कसम देकर।x
  • रात को पी, सुबह को तौबा की;<br/>
रिन्ध के रिन्ध रहे, हाथ से जन्नत ना गयी!Upload to Facebook
    रात को पी, सुबह को तौबा की;
    रिन्ध के रिन्ध रहे, हाथ से जन्नत ना गयी!
  • आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़';<br/>
जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए!Upload to Facebook
    आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़';
    जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए!
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ;<br/>
क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया!Upload to Facebook
    ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ;
    क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया!
    ~ Sheikh Ibrahim Zauq
  • कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयी;<br/>
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गयी।Upload to Facebook
    कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गयी;
    आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गयी।
  • ये ना पूछ मैं शराबी क्यों हुआ, बस यूँ समझ ले;<br/>
गमों के बोझ से, नशे की बोतल सस्ती लगी।Upload to Facebook
    ये ना पूछ मैं शराबी क्यों हुआ, बस यूँ समझ ले;
    गमों के बोझ से, नशे की बोतल सस्ती लगी।
  • कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा;<br/>
ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके।Upload to Facebook
    कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा;
    ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके।
  • न जख्म भरे, न शराब सहारा हुई;<br/>
न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई!Upload to Facebook
    न जख्म भरे, न शराब सहारा हुई;
    न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई!
  • नशा हम किया करते हैं, इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं;<br/>
कसूर शराब का नहीं उनका है, जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं!Upload to Facebook
    नशा हम किया करते हैं, इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं;
    कसूर शराब का नहीं उनका है, जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं!